पंकज
काकोरी (लखनऊ), 27 दिसंबर 2025:
पारा थाना क्षेत्र के जलालपुर दौदाखेड़ा कॉलोनी में पहले दो सगी बहनों ने खुदकुशी की थी और अब उसी पालतू कुत्ते की भी जान चली गई, जिसकी चिंता में वे तनाव में थीं। इस हृदयविदारक घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर है। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि पशु और पालक के बीच इतना अटैचमेंट बिरला ही देखने को मिलता है।
जलालपुर दौदाखेड़ा कॉलोनी में कैलाश चौहान और गुलाबा देवी की दो बेटियों राधा सिंह (25) और जिया उर्फ शानू (22) पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थीं। घर में पाले गए जर्मन शेफर्ड कुत्ते ‘टोनी’ की तबीयत करीब पंद्रह दिनों से खराब चल रही थी। बहनों को उसकी हालत की गहरी चिंता थी, जिससे वे भीतर ही भीतर टूटती जा रही थीं।

बुधवार दोपहर दोनों बहनों ने जहरीला पदार्थ पी लिया और इसकी जानकारी खुद अपनी मां को दी। हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें आनन-फानन रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान देर रात राधा की मौत हो गई। जिया की हालत गंभीर होने पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां बृहस्पतिवार दोपहर उसने भी दम तोड़ दिया।
इस दोहरे सदमे से परिवार संभल भी नहीं पाया था कि शनिवार सुबह करीब सात बजे पालतू कुत्ते टोनी की भी मौत हो गई। बड़े भाई नीरज उर्फ वीर सिंह ने बताया कि दोनों बहनें डॉगी की बीमारी को लेकर बेहद परेशान रहती थीं। उन्होंने कहा, बहनों का लगाव टोनी से बहुत गहरा था। उसकी हालत ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया था। जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था वहीं टोनी को भी दफनाया जाएगा।

घर में पहले दो अर्थियां उठीं और अब पालतू कुत्ते की मौत ने जख्म और गहरे कर दिए। बीमार पिता कैलाश चौहान और वृद्ध मां गुलाबा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले वालों का कहना है कि दोनों बहनें बेहद शांत और सरल स्वभाव की थीं, किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं करती थीं। उनका पशु प्रेम सुनकर हर कोई हैरत में रहा लेकिन अब टोनी की मौत के बाद लोगों को यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि इतना अटैचमेंट तो जल्दी सभ्य समाज मे देखने को नहीं मिलता।






