Lucknow City

राष्ट्र प्रेरणा स्थल : आम लोगों के लिए सोमवार से खुलेगा द्वार, अभी मुफ्त एंट्री… जानें कब से लगेगा टिकट

लखनऊ : 65 एकड़ में फैला विचारों का विराट संसार, म्यूजियम में दिखेगा सजीव चित्रण, संचालन समिति तय करेगी टिकट के दाम, रखरखाव पर विशेष ध्यान, 75 करोड़ का कोष प्रस्तावित

लखनऊ, 27 दिसंबर 2025:

यूपी की राजधानी लखनऊ के हरदोई रोड स्थित बसंतकुंज योजना में निर्मित भव्य ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ अब आम जनता के लिए अपने दरवाजे खोलने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों दो दिन पूर्व लोकार्पित इस स्थल को सोमवार से आम लोगों के लिए खोलने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस बीच लोकार्पण कार्यक्रम के लिए लगाए गए टेंट, बैरिकेडिंग और अन्य व्यवस्थाओं को हटाया जा रहा है। बताते हैं कि शुरुआती दो महीनों तक प्रवेश शुल्क मुक्त रहेगा। इसके बाद टिकट व्यवस्था लागू होने की संभावना है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की योजनाबद्ध सोच का परिणाम यह पूरा परिसर 65 एकड़ में फैला है। यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 65-65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। यह प्रतिमाएं केवल स्थिर प्रतीक नहीं बल्कि तकनीक के माध्यम से जीवंत अनुभव का अहसास कराती हैं। अत्याधुनिक लाइट प्रोजेक्शन सिस्टम के जरिए हर रात ये प्रतिमाएं अलग-अलग वस्त्रों के रंग व डिजाइन में दिखाई देंगी। जैसे प्रतिदिन उनका परिधान बदला जा रहा हो। यह संकल्पना देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग मानी जा रही है।

WhatsApp Image 2025-12-27 at 12.57.27 PM

इस विशाल परिसर को निरंतर सुसंचालित रखने के लिए 75 करोड़ रुपये का कार्पस फंड तैयार किया जा रहा है। इसमें से 50 करोड़ शासन और 25 करोड़ एलडीए वहन करेगा। प्राधिकरण ने शासन को पूरा प्रस्ताव भेज दिया है। यह राशि बैंक में जमा की जाएगी और ब्याज को रखरखाव में उपयोग किया जाएगा। एलडीए अधिकारी बताते हैं कि इसी मॉडल से जनेश्वर मिश्र पार्क सहित कई बड़े पार्कों का सफलतापूर्वक रखरखाव किया जा रहा है।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल का मुख्य आकर्षण यहां बना 98 हजार वर्गफीट का म्यूजियम ब्लॉक है। दो प्रवेश द्वारों के साथ यह परिसर वीवीआईपी तथा आम आगंतुकों दोनों की सुविधा का ध्यान रखता है। म्यूजियम में पांच अलग-अलग गैलरियों का निर्माण किया गया है, जहां तीनों महान विभूतियों के जीवन के संघर्ष, विचारधाराएं, उपलब्धियां और ऐतिहासिक क्षणों को चित्रों, स्टोन म्यूरल्स, फोटो पैनल और डिजिटल ऑडियो-वीडियो विजुअल्स के जरिए जीवंत किया गया है। आगंतुक यहां केवल देखने ही नहीं बल्कि महसूस करने और समझने के अनुभव से गुजरेंगे।

प्रवेश टिकट और म्यूजियम शुल्क को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। उच्चस्तरीय संचालन समिति शुल्क संरचना तय करेगी। जानकारों की मानें तो संभव है कि प्राणी उद्यान की तर्ज पर प्रवेश शुल्क और म्यूजियम शुल्क अलग रखे जाएं।

कुछ समय पहले तक सुनसान रहने वाला यह इलाका अब रोशनी से जगमगा रहा है। नवस्थापित स्ट्रीट लाइट पोल, सजावटी झालरें और आकर्षक प्रकाश व्यवस्था रात में इस क्षेत्र को अलौकिक आभा देती हैं। यह स्थल न सिर्फ पर्यटन का नया केंद्र बनने जा रहा है, बल्कि लखनऊ के सांस्कृतिक एवं वैचारिक नक्शे पर एक नई पहचान भी जोड़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button