लखनऊ, 27 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में रियल एस्टेट बाजार के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वृंदावन योजना में आवास विकास परिषद की महत्वाकांक्षी आईटी सिटी परियोजना में जमीन के रेट घटा दिए गए हैं। परिषद की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। नई गणना नीति लागू होने के बाद न केवल आईटी सिटी, बल्कि अन्य योजनाओं में भी जमीन की कीमतों में करीब 25 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिलेगी। इससे उन लोगों को खास फायदा होगा जो लंबे समय से यहां निवेश का इंतजार कर रहे थे।
लगभग 256 एकड़ में विकसित हो रही आईटी सिटी में पहले जमीन की कीमत आवासीय भूमि की दर से डेढ़ गुना अधिक थी। इससे निवेशक पीछे हट रहे थे। परिषद के अनुसार अब इन रेट्स को आवासीय भूमि की सामान्य दर के बराबर कर दिया गया है। साथ ही बड़े निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 एकड़ से अधिक खरीद पर आवासीय दर से 0.9 प्रतिशत कम कीमत का प्रावधान किया गया है।

उप आवास आयुक्त चंदन पटेल के मुताबिक वर्तमान में आईटी सिटी में आवासीय भूमि का रेट करीब 38,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। पहले इसे डेढ़ गुना मानकर लगभग 58,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया था। बाजार की स्थिति और निविदाओं के दौरान खरीदारों की कमी को देखते हुए इन दरों को अब संशोधित किया गया है। यही नहीं, नई गणना नीति के जरिए पुरानी योजनाओं में वर्षों से नहीं बिक रही संपत्तियों को पहले निष्प्रयोज्य घोषित कर उनकी कीमत कम करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
नई नीति के तहत कई अतिरिक्त शुल्कों में भी कटौती की गई है। उनमें पार्क फेसिंग प्लॉट पर अतिरिक्त शुल्क अब 10 की जगह सिर्फ 5 प्रतिशत लगेगा। सेंटेज या घर बनाने 20 से घटाकर 15 प्रतिशत करने के साथ अन्य विविध शुल्कों में भी राहत दी गई है। इन संशोधनों के सीधे असर से आगामी दिनों में जमीन की कीमतें आम लोगों की पहुंच में आने की उम्मीद बढ़ी है।
खास बात यह है कि पहले आओ, पहले पाओ योजना में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। अब सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को फ्लैट की कीमत पर 20 प्रतिशत की विशेष छूट मिलेगी। अन्य खरीदारों के लिए भी भुगतान अवधि के अनुसार छूट तय की गई है। इसमें 60 दिन में भुगतान पर 15% छूट, 61 से 90 दिन में भुगतान पर 15% और 91 से 120 दिन में भुगतान पर 10% छूट की छूट मिलेगी। यह योजना 31 जनवरी 2026 तक लागू रहेगी।
इस निर्णय को विशेषज्ञ रियल्टी बाजार को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे आईटी सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। अधर में फंसे प्रोजेक्टों को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। लखनऊ के लिए यह फैसला रियल एस्टेट के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।






