मनोरंजन डेस्क, 30 दिसंबर 2025:
अभिनेता सलमान खान की नई फिल्म बैटल ऑफ गलवान अभी पर्दे पर आई भी नहीं है, लेकिन इसे लेकर विवाद शुरू हो चुका है। खासतौर पर चीन ने इस फिल्म के कंटेंट को लेकर नाराजगी जताई है। चीनी मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर इस फिल्म के ट्रेलर को हकीकत से अलग बताया जा रहा है। कुछ लोगों ने इसके दृश्यों की तुलना हॉलीवुड सीरीज गेम ऑफ थ्रोन्स से भी की है। चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स इस फिल्म को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाता नजर आ रहा है।
ग्लोबल टाइम्स ने क्या किया दावा?
ग्लोबल टाइम्स ने फिल्म पर एक आर्टिकल प्रकाशित किया है, जिसका शीर्षक है कि बैटल ऑफ गलवान पर विवाद, फिल्म चाहे कितनी भी नाटकीय हो, वह सीमा की सच्चाई को प्रभावित नहीं कर सकती। अखबार ने एक चीनी एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि ऐसे समय में जब भारत और चीन के रिश्तों में सुधार की कोशिशें चल रही हैं, इस तरह की फिल्म का रिलीज होना ठीक नहीं है। अखबार का कहना है कि यह फिल्म केवल भारतीय नजरिया दिखाकर चीन विरोधी भावना को बढ़ावा दे सकती है।
The Indian film Battle of Galwan, which claims to be based on the 2020 clashes between Indian and Chinese troops in the Galwan region and is scheduled for release in April 2026, had its trailer released by lead actor Salman Khan on December 27, sparking online controversy on… pic.twitter.com/aoJZfowae2
— Global Times (@globaltimesnews) December 30, 2025
ट्रेलर और लुक पर भी खड़े किए सवाल
बैटल ऑफ गलवान का ट्रेलर 27 दिसंबर को सलमान खान के जन्मदिन पर रिलीज किया गया था। यह फिल्म 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प पर आधारित बताई जा रही है। फिल्म में सलमान खान भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल संतोष बाबू की भूमिका निभा रहे हैं। चीनी सोशल मीडिया पर सलमान की ड्रेस और हेयर स्टाइल को लेकर भी आलोचना की जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिल्में मनोरंजन के लिए होती हैं, वे इतिहास को नहीं बदल सकतीं।
ग्लोबल टाइम्स का दावा : फैक्ट नहीं बदल सकती फिल्म
ग्लोबल टाइम्स ने चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट सॉन्ग झोंगपिंग के हवाले से लिखा है कि भारत में फिल्मों का इस्तेमाल देशभक्ति की भावना बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन कोई भी फिल्म गलवान झड़प के तथ्यों को नहीं बदल सकती। सॉन्ग का दावा है कि सीमा पार करने की शुरुआत भारतीय सैनिकों ने की थी, जिसके बाद चीनी सैनिकों ने अपने क्षेत्र की रक्षा की। उन्होंने कहा कि चीनी सेना राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा में कभी पीछे नहीं हटती।

क्या है गलवान झड़प पर चीन का पक्ष?
अखबार ने गलवान घटना के लिए भारतीय सैनिकों को जिम्मेदार ठहराया है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक गलवान घाटी चीन भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से में LAC के चीनी क्षेत्र में आती है, जहां चीनी सैनिक लंबे समय से पेट्रोलिंग कर रहे थे। अखबार का दावा है कि अप्रैल 2020 से भारतीय सैनिकों ने LAC पर सड़क, पुल और अन्य ढांचे बनाना शुरू किया, जिसका चीन ने विरोध किया। इसके बावजूद भारतीय सैनिक सीमा पार कर उकसावे वाली गतिविधियों में शामिल हुए। चीन का कहना है कि 6 मई 2020 की सुबह भारतीय सैनिक रात के समय LAC पार कर चीनी क्षेत्र में घुसे और किलेबंदी की। स्थिति संभालने के लिए चीनी सैनिकों को कदम उठाने पड़े। चीन सरकार के अनुसार इस झड़प में चार चीनी अधिकारी और सैनिक शहीद हुए और एक गंभीर रूप से घायल हुआ, जबकि भारत की ओर से 20 सैनिक मारे गए।






