Bihar

Bihar Bypoll: छोटे दलों ने उड़ाई बड़े दलों की नींद, MIMIM और जनसुराज ने बढ़ाई मुश्किलें!

पटना, 26 अक्टूबर, 2024

बिहार में चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। तमाम राजनीतिक दल अपने अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं, चुनाव प्रचार कर रहे हैं। तमाम दलों ने अपने अपने स्टार प्रचारकों को भी नियुक्त कर दिया है। लेकिन इन विधानसभा उपचुनाव में सबसे बड़ी बात यह भी है कि इन विधानसभा चुनावों में ताल ठोक रहे बडे़ राजनीतिक दलों की नींद को छोटे दलों ने उड़ा दी है।

बड़े दलों के बीच छोटे दलों की धमक
राज्य में तरारी, इमामगंज, बेलागंज और रामगढ, इन सीटों पर चुनाव होने हैं। तरारी में सीपीआई के सुदामा प्रसाद, बेलागंज में राजद के सुरेंद्र यादव, इमामगंज में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी और रामगढ़ में राजद के सुधाकर सिंह के लोकसभा पहुंच जाने से ये चारों सीटें खाली हुई हैं। सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी राजनीति की बिसात को बिछाने में लग गये हैं। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इस चुनाव को सभी राजनीतिक दल जनता की तासिर को समझने की कोशिश के रूप में लेकर चल रहे हैं। लेकिन यह भी सच्चाई है कि इन सभी दलों की राजनीतिक राह में असद्द्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम, प्रशांत किशोर की हालिया नवगठित जन सुराज ने परेशानी उत्पन्न कर दी है।

दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा
दरअसल एनडीए और महागठबंधन, इन दोनों की गठबंधनों के लिए इन चारों सीटों पर होने वाले चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गये हैं। दोनों के ही तरफ से इन सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी कर दी गयी है। लेकिन जिस तरीके से छोटे दल अपनी तैयारी कर रहे हैं और अपनी अपनी राजनीति के हिसाब से मतदाताओं को टारगेट कर रहे हैं, उससे दोनों की गठबंधन के दलों में बेचैनी बढ गयी है।

छोटे दलों ने भी उतारे उम्मीदवार
एआइएमआइएम और जन सुराज ने इन सीटों पर पूरी तैयारी के साथ उतरने की योजना बनायी और उसपर अमल कर रहे हैं। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर खुद अपनी पार्टी की तरफ से मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं एआइएमआइएम का भी प्रदेश नेतृत्व अपने उम्मीदवारों को लेकर गंभीर है। एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर से विधायक अख्तरुल इमान ने पिछले दिनों ही दो विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी। तब उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी सभी चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है लेकिन कम से कम दो सीटों पर जरूर उम्मीदवार को उतारेगी। एआइएमआइएम ने बेलागंज से जामिन अली तथा इमामगंज से कंचन पासवान को चुनावी समर में उतारा है।

बेलागंज में मुस्लिम मतदाताओं को किया टारगेट
दरअसल बेलागंज से न केवल जनसुराज बल्कि एआइएमआइएम ने भी अपने मुस्लिम उम्मीदवार को इस सीट से उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। बेलागंज की सीट पर करीब तीन बार राजद के सुरेंद्र यादव विधायक रहे हैं। वहीं दो बार यह सीट बीजेपी के हिस्से में रही है। एक बार जदयू यहां से विधायक बनाने में सफल रही है। इस सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है। जो करीब 15 प्रतिशत है। इसके बाद करीब इतनी ही प्रतिशत यादव मतदाताओं की है। यानि करीब तीस प्रतिशत ठोस वोटर इस सीट पर परंपरागत तौर पर राजद को वोट करते रहे हैं। तीसरे नंबर पर करीब साढे दस प्रतिशत मांझी, मुसहर वोटर हैं। चूंकि एआइएमआइएम और जन सुराज ने मुस्लिम उम्मीदवारों को उतार दिया है। ऐसे में राजद की परेशानी बढ गयी है। एआइएमआइएम ने हाल के दिनों में प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं ने तेजी से अपनी पकड बनायी है, वहीं जन सुराज ने भी ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जो पहले भी वहां चुनाव लड चुके हैं। ऐसे में मु्स्लिम मतदाताओं में अगर बिखराव हो जाती है, तो इससे राजद की परेशानी बढ सकती है। वहीं अगर मुस्लिम मतदाताओं के इतर अलग अन्य वर्ग के मतदाताओं ने एआइएमआइएम और जन सुराज में अपनी दिलचस्पी दिखायी तो इससे एनडीए को भी नुकसान हो सकता है। क्योंकि छोटे दलों ने अपनी राजनीति की बिसात को जातीय समीकरण के अनुरूप ही बिछाया है। इस सीट पर बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी चुनावी मैदान में हैं।

तरारी में भी दिलचस्प हो सकती है लड़ाई
तरारी सीट पर समीकरण को देखा जाए तो पिछले दो विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाकपा माले ने अपनी जबदस्त पकड बनायी है। वर्तमान में आरा से सांसद सुदामा प्रसाद इस सीट से पिछले लगातार दो विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज करते रहे हैं। इस बार इस सीट पर इसी सीट से विधायक रहे सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को बीजेपी ने चुनावी समर में उतारा है, जबकि भाकपा माले ने राजू यादव को टिकट दिया है। जन सुराज ने इस सीट से पहले सेना के रिटायर्ड ऑफिसर एसके सिंह को उतारा था लेकिन तकनीकी दिक्कतों के बाद प्रशांत किशोर ने उनको बैठा कर किरण सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा है। इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता भूमिहार जाति के वोटर हैं।

इमामगंज पर भी टिकी निगाहें
गया जिले में पडने वाली इमामगंज सीट पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस सीट पर एनडीए की तरफ से हम पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी उम्मीदवार हैं, वहीं महागठबंधन की तरफ से रौशन मांझी उम्मीदवार हैं। इस सीट पर एआइएमआएम ने कंचन पासवान को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि जन सुराज ने डॉक्टर जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर 35 प्रतिशत से भी ज्यादा अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या है। जबकि करीब 14 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। इन दोनों ही वर्गों को मिलाने से करीब 49 प्रतिशत मतदाता केवल दो वर्गों से हो जाते हैं। ऐसे में अगर एआइएमआइएम और जन सुराज के उम्मीदवारों ने एनडीए और महागठबंधन के वोटरों में सेंध लगा दी तो इन दोनों ही गठबंधन के प्रत्याशियों के परेशानी खडी हो सकती है।

रामगढ़ को लेकर भी बना रोमांच
रामगढ़ विधानसभा सीट पर एनडीए और महागठबंधन ने एक तरफ जहां राजपूत उम्मीदवार पर अपना भरोसा जताया है, वहीं जन सुराज ने कुशवाहा जाति के उम्मीदवार को उतार कर सारे समीकरण को बदलने की कोशिश की है। इस सीट पर राजद की तरफ से अजीत कुमार सिंह जबकि बीजेपी की तरफ से अशोक कुमार सिंह उम्मीदवार हैं। जन सुराज ने इस सीट से सुशील सिंह कुशवाहा को उतारा है। इस सीट पर सबसे ज्यादा करीब 22 प्रतिशत राजपूत वोटर हैं। जबकि करीब नौ प्रतिशत मुस्लिम और सात प्रतिशत यादव हैं। मुस्लिम और यादव राजद के पक्ष में वोट करते रहे हैं। इस सीट पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के प्रभाव रहता है। ऐसे में अगर दो राजपूत उम्मीदवारों में अगर मत का बिखराव हुआ तो नतीजा दिलचस्प हो सकते हैं।

जनता सब समझती है
राजद के वरिष्ठ प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं, लोकतंत्र में सबको चुनाव लडने का हक है। हर बार चुनाव में ऐसा देखने को मिलता है, जब छोटे दल भी चुनावी मैदान में उतरते हैं। लेकिन जनता समझदार होती है। वह सब समझती है। जनता जानती है कि ऐसे दल विकास को लेकर समर्पित नहीं होते बल्कि वो वोटकटवा की भूमिका में होते हैं। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं, राजनीति की अपनी गति होती है। जनता समझदार है। वह जानती है कि कौन सी पार्टी विकास को लेकर काम करती है और कौन केवल अपनी उम्मीदवारी जताती है।

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