नई दिल्ली, 25 मई 2025
दिल्ली के शाहदरा के राम नगर इलाके में ई-रिक्शा चार्जिंग और पार्किंग स्टेशन पर रविवार सुबह भीषण आग लगने से दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें 2 किशोरों की जिंदा जलकर दुखद मौत हो गई। इस घटना में चार अन्य व्यक्ति भी झुलस गए।
मामले में पुलिस ने बताया कि इस घटना में पीडित किशोर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के मूल निवासी 19 वर्षीय ब्रिजेश और 18 वर्षीय मनीराम की आग में मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि जब आग लगी तब दोनों सो रहे थे और आग के अंदर फंस गए। पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने कहा कि आग पर काबू पाने के बाद उनके जले हुए शव मलबे से बरामद किए गए।
जानकारी अनुसार आग सुबह करीब 6.40 बजे टिन शेड के एक ढांचे में लगी, जो ई-रिक्शा के लिए गोदाम-सह-पार्किंग और चार्जिंग स्टेशन के साथ-साथ गन्ने के रस की मशीनों के भंडारण गृह है। यह क्षेत्र लगभग 300 से 400 वर्ग गज में फैली हुई है और शाहदरा के राम नगर इलाके में मोती राम रोड पर राम मंदिर के पास स्थित है।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने कहा कि उन्हें सुबह 6.40 बजे सूचना मिली और उन्होंने तुरंत पांच दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर भेज दीं। डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा, “जब हमारी टीम पहुंची तो आग काफी भयावह थी और शेड के अधिकांश हिस्से को अपनी चपेट में ले चुकी थी। हम सुबह 8.30 बजे तक आग पर काबू पा सके। अभियान के दौरान, हमने घटनास्थल से दो जले हुए शव बरामद किए।”
चारों झुलसे लोगों को इलाज के लिए गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल ले जाया गया। उनकी पहचान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के भवाई निवासी 19 वर्षीय हरिशंकर, 18 वर्षीय रिंकू, 22 वर्षीय मुकेश और 19 वर्षीय विपिन, तीनों उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के महराजगंज के निवासी के रूप में की गई। हरिशंकर 45 प्रतिशत, रिंकू 30 प्रतिशत तथा मुकेश और विपिन लगभग सात प्रतिशत झुलस गए।
पुलिस ने बताया कि सभी छह लोग ई-रिक्शा पर गन्ने का रस बेचते थे और शेड में रहते थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग चार्जिंग के दौरान विद्युत शॉर्ट सर्किट से लगने का संदेह है। अधिकारियों ने कहा कि परिसर में अग्नि सुरक्षा अनुपालन की जांच के लिए विस्तृत निरीक्षण किया जाएगा। पुलिस ने विनोद राठौर नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जो परिसर का प्रभारी है और उसने गोदाम किराए पर लिया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “कानूनी कार्रवाई की जा रही है। राठौर को हिरासत में लिया गया है और उससे सुरक्षा मानकों तथा आग लगने के समय शेड में श्रमिकों की उपस्थिति के बारे में पूछताछ की जा रही है।” पुलिस सूत्रों के अनुसार, शेड में बुनियादी अग्नि सुरक्षा उपकरण भी नहीं थे।