
बस्ती, 30 जून 2025:
यूपी के बस्ती जिले में हिंसक कुत्तों के झुंड ने हमला कर एक 12 साल की मासूम बच्ची की जान ले ली। कुत्तों के बार-बार नोचने से पूरा शरीर जख्मों से छलनी हो गया। गांव से दूर कुत्तों के भौंकने की आवाज तो ग्रामीणों ने सुनी लेकिन ये आभास नहीं हुआ कि वो किसी की जान ले रहे हैं। खून से लथपथ बालिका की लाश देखकर परिजन व गांव वाले सहम गए हैं। उन्हें अब अन्य बच्चों की चिंता सता रही हैं।
ये दर्दनाक वारदात बस्ती जिले के सोनहा थाना क्षेत्र के टेढींकुईयां गांव में हुई है। संतकबीरनगर में रहने वाली 12 साल की शब्बो अपनी मां के साथ गांव में रहने वाले मामा तुफैल के घर अपने ननिहाल आई थी। वो कई दिनों से यहां रुकी थी। सुबह के वक्त वो खेलते खेलते गांव के पास ही बाग की तरफ गई तभी हिंसक कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया। डरी सहमी शब्बो को कुत्ते नुकीले दांतों से नोचना शुरू कर दिया और पैरों से धक्का देकर उसे जमीन पर गिरा दिया। उसके गिरते ही 10-12 की संख्या वाला झुंड उस पर हावी हो गया। जमीन और कुत्तों के मुंह खून से लाल हो गए थे। इस हमले में बालिका की तड़प तड़प कर जान चली गई।
काफी देर तक कुत्तों के भौंकते रहने पर गांव वालों को शक हुआ तो वो आवाज की दिशा में बाग तक पहुंच गए। सामने का मंजर देख उनका दिल दहल गया। कुत्तों के झुंड ने बेदम पड़ी मासूम को नोच रहे थे देखकर ही ये आभास हो गया कि उसके शरीर मे जान नहीं रह गई थी। ग्रामीणों ने किसी तरह कुत्तों को खदेड़ा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर आकर फॉरेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य जुटाए। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद आता चला कि बच्ची के शरीर पर 45 से अधिक जख्म पाए गए।
घर आई भांजी का दर्दनाक अंत देखकर तुफैल व परिवार चीखें मारकर रो पड़ा। मां बच्ची के शरीर पर नजर नहीं टिका पा रही थी। शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं था जहां खरोंच और जख्म न हों। सीओ सदर ने भी कुत्तों के हमले की पुष्टि की है। वहीं अन्य एंगल से भी जांच करने की बात कही। बताया गया कि टेढ़ीकुइया और आसपास के गांव में हिंसक कुत्तों का ये झुंड काफी दिनों से आतंक मचाए है। इससे पहले भी कुछ बच्चों और बकरियों पर भी कुत्तों ने हमला किया था। रविवार सुबह भी उसी गांव के एक सात वर्षीय बालक मैनुद्दीन को भी कुत्तों ने काटकर जख्मी कर दिया था। डिप्टी सीवीओ डॉ. बलराम चौरसिया ने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक किया गया है कि वे बच्चों को अकेले न छोड़ें। बचाव के लिए समूह में ही बाहर निकलें।