
गोरखपुर,21 मार्च 2025
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक दुकानदार ने सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने आत्महत्या से पहले मोबाइल पर वीडियो बनाकर दो व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया और फिर फांसी के फंदे से झूल गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।
बड़हलगंज थाना क्षेत्र के साऊंखोर गांव निवासी 48 वर्षीय अजय तिवारी ने ब्याज पर पैसा देने वालों की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान दे दी। आरोप है कि सूदखोर आए दिन उसे धमकाते थे और दुकान के गल्ले से जबरन पैसा निकालकर ले जाते थे। मंगलवार देर रात अजय तिवारी ने घर के सामने बनी घारी (जहां पशु रखे जाते हैं) में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या से पहले उसने वीडियो बनाकर पड़ोसी गांव के सर्वेश और प्रकाश राय पर आरोप लगाया। उसने कहा कि कुछ साल पहले बिजनेस के लिए इनसे ब्याज पर पैसे लिए थे, जो चुका भी दिए, लेकिन दोनों की डिमांड और ब्याज बढ़ता ही जा रहा था। वे दिनभर दुकान में बैठते और जबरन गल्ले से पैसा निकालते थे। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते थे, जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया।
घटना का पता तब चला जब देर रात तक अजय घर नहीं लौटे। सुबह जब उनकी पत्नी पशुओं के बाड़े में पहुंची तो उन्हें फांसी के फंदे पर लटका पाया। शोर मचाने पर परिजन और ग्रामीण इकट्ठा हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मोबाइल की जांच की तो वीडियो मिला। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर पत्नी की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
इस मामले पर एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने कहा कि तहरीर और मोबाइल से मिले वीडियो के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और उनकी तलाश जारी है। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि गोरखपुर में सूदखोरी की प्रताड़ना के कारण आत्महत्याओं के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 2020 में एक विकलांग पिता और उसकी दो मासूम बेटियों ने कर्जदारों से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। गोला क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपने पूरे परिवार को जहर देकर खुद भी जान दे दी थी। इसी साल फरवरी में एक कोचिंग सेंटर के सुपरवाइजर ने भी कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी।






