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केंद्र का पेट्रोल पंप लाइसेंसिंग नियमों पर महत्वपूर्ण फैसला, अब गैर-तेल कंपनियों के लिए खुलेंगे द्वार

नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025

ऐसा लगता है कि केंद्र पेट्रोल पंपों के लाइसेंसिंग नियमों पर अहम फैसला लेगा। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में पेट्रोल और डीजल पंपों की स्थापना बेहद ज़रूरी है। यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ये पेट्रोल पंप लाखों वाहनों के रोज़ाना आवागमन की रीढ़ हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ईंधन बाज़ार में पेट्रोल पंपों की स्थापना के नियमों में और ढील देने पर विचार कर रही है। आधिकारिक आदेशों के अनुसार, ऊर्जा सुरक्षा के उभरते मॉडल और कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता को देखते हुए, 2019 के नियमों में ढील दी गई है। इस नियम के अनुसार, गैर-तेल कंपनियों के लिए ईंधन खुदरा व्यापार में प्रवेश के द्वार खुल गए हैं।

250 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाली कंपनियों को पेट्रोल और डीज़ल बेचने की अनुमति दी गई है। उन्हें अपना परिचालन शुरू करने के तीन साल के भीतर कम से कम एक नई पीढ़ी के वैकल्पिक ईंधन जैसे सीएनजी, एलएनजी, जैव ईंधन, ईवी चार्जिंग के लिए बुनियादी ढाँचा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध होने का निर्देश दिया गया है। इन नए नियमों के अनुसार, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने महिला उद्यमियों के लिए लाइसेंस शुल्क में 80% और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए लाइसेंस शुल्क में 50% की छूट की घोषणा की है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदन शुल्क 100 रुपये और महानगरों में 1000 रुपये होगा। एससी, एसटी, ओबीसी श्रेणियों के लिए 50% की छूट होगी।

 

 

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