
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 1 मई 2025:
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार सुबह मौसम ले तेवर अचानक बदल गए। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में तेज हवा, बारिश के साथ ओले भी गिरे। वहीं आसमानी बिजली गिरने से दम्पति समेत चार लोगों ने दम तोड़ दिया। सीएम ने फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के साथ मृतकों के शोक संतृप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
सुबह कुछ घंटों में बिगड़ गया मौसम
बता दें कि आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम के हिसाब से पूर्वांचल को यलो जोन में शामिल होना बताया था। इसका प्रभाव भी सुबह से देखने को मिला। गुरुवार सुबह गोरखपुर व आसपास अचानक मौसम बदला और घने बादल छा गए और बिजली गरजने लगी। इसके बाद तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। कई जगह ओले इतने अधिक तादाद में गिरे कि सड़कों पर सफेदी की चादर सी बिछ गई।
महिला व किशोर की गई जान, एक अन्य किशोर बिजली से झुलसा
इस दौरान आसमान बिजली से कड़कता व गरजता भी रहा। गोरखपुर के सहजनवा व सदर क्षेत्र में बिजली मौत बनकर गिरी। यहां सहजनवा थाना क्षेत्र के बनकटिया गांव में सत्येंद्र पुत्र महेंद्र 12 वर्ष और सौरव पुत्र शत्रुध्न 13 वर्ष सुबह बारिश के दौरान गांव के बगीचे में आम बीनने गए थे। काफी देर होने पर जब घर वाले खोज बीन करते हुए वहां पहुंचे तो दोनों अचेत अवस्था में पड़े मिले। इसमें चिकित्सकों ने सौरव को मृत घोषित कर दिया जबकि सत्येंद्र का इलाज चल रहा है। इसी प्रकार सहजनवा क्षेत्र की महिला सुशीला देवी (52) की मौत भी बिजली गिरने से हुई है।
बस्ती में दम्पति ने गंवाईं जान, बिलख पड़ा परिवार
इधर बस्ती जनपद के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के रेहार जंगल गांव में आसमानी बिजली ने दम्पति की जान ले ली। दोनों सुबह ही खेत मे काम करने गए थे। इसी दौरान मौसम खराब हुआ और बिजली गिर गई। आसपास खेतों में मौजूद लोगों ने धुआं उठते देखा तो जानकारी हुई। घर के दोनों मुखिया की अकस्मात मौत पर बिलख पड़ा।
सीएम ने जताया शोक, राहत कार्य के दिये निर्देश
सीएम ने परिवारों के प्रति शोक संवेदना जताकर आंधी-बारिश, ओलावृष्टि के दृष्टिगत संबंधित जनपदों के अधिकारियों को राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर सर्वे करें तथा राहत कार्य पर नजर रखें। साथ ही, आकाशीय बिजली, आंधी तूफान, बारिश आदि आपदा से जनहानि और पशुहानि होने की स्थिति में तत्काल प्रभावितों को राहत राशि का वितरण करें। घायलों का समुचित उपचार कराया जाए। अधिकारी सर्वे कराकर फसल नुकसान का आकलन करते हुए आख्या शासन को भेजें, ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके।