आगरा, 7 मार्च 2025:
उत्तर प्रदेश के आगरा के दयालबाग स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) में एक 6 वर्षीय प्री-नर्सरी छात्र के साथ रैगिंग के नाम पर हुई अमानवीय घटनाओं ने शहर में गहरी नाराज़गी पैदा की है। पीड़ित बच्चे के परिजनों और सामाजिक संगठन “टीम पापा” ने आरोप लगाया है कि स्कूल के कक्षा 2 के एक छात्र ने नन्हें बच्चे के साथ मारपीट, थूकने और उसे बाथरूम में बंद करने जैसे अत्याचार किए। यही नहीं, स्कूल बस में भी बच्चे को चांटे मारे गए और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। इस घटना का असर यह हुआ कि मासूम पिछले एक महीने से आगरा के ट्रॉमा सेंटर में मानसिक संतुलन बहाल करने के लिए भर्ती है।
क्या है पूरा मामला?
आगरा के दिल्ली पब्लिक स्कूल में 6 साल के बच्चे के साथ हुई रैगिंग की घटना पर स्कूल के प्रबंध निदेशक सुनील अग्रवाल ने आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा कि मामले की आंतरिक जाँच चल रही है, लेकिन अभिभावक सहयोग नहीं कर रहे हैं, वहीं ‘टीम पापा’ के प्रतिनिधि दीपक सरीन ने स्कूल पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि “DPS के खिलाफ पहले भी लापरवाही के आरोप लग चुके हैं, स्कूल की ज़िम्मेदारी थी कि वह बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करे,” जिसके बाद संस्था ने पुलिस उपायुक्त से मिलकर इस मामले की जाँच एएसपी लोहामंडी को सौंपने की माँग की है।
पुलिस कार्रवाई:
आगरा पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी स्तर की जाँच शुरू की है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक प्रगति रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।
सवाल और माँगें:
- स्कूल परिसर और बस में निगरानी व्यवस्था क्यों विफल रही?
- पीड़ित बच्चे को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन कब तक ठोस कदम उठाएगा?
- शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर क्या होगा नई गाइडलाइन्स?
‘टीम पापा’ ने जोर देकर कहा कि “स्कूलों को केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी भी लेनी चाहिए।”
आगे की कार्रवाई का इंतज़ार:
एएसपी लोहामंडी की जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही इस मामले में आगे की कार्रवाई स्पष्ट होगी। स्थानीय समाज और अभिभावक इस घटना के बाद स्कूलों में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।