हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर, 5 दिसम्बर 2024:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बड़े खाद्य घोटाले का पर्दाफाश किया है। व्यापारी पुराने आलुओं को खतरनाक रसायनों से नया दिखाने की प्रक्रिया अपनाकर उन्हें बेच रहे थे, जो जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। महेवा मंडी में छापेमारी के दौरान 180 कुंटल रसायन युक्त आलू जब्त किए गए और दूषित स्टॉक को नष्ट कर दिया गया।
बनाने की प्रक्रिया और स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव
जांच में यह पाया गया कि पुराने आलुओं को गड्ढों में दबाने के बाद रसायनों से उपचारित किया जाता है। फिर छिलके को हटाने के लिए बूटों से कुचला जाता है और ताजा दिखाने के लिए लाल मिट्टी मिलाई जाती है। ये आलू मुख्य रूप से बाराबंकी और उन्नाव से लाए जाते थे।
सहायक खाद्य आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इन रासायनिक युक्त आलुओं के सेवन से लीवर डैमेज, आंतों की समस्या और अन्य गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
उपभोक्ताओं के लिए सतर्कता निर्देश
खाद्य सुरक्षा विभाग ने उपभोक्ताओं को असली और नकली आलू की पहचान के लिए सुझाव दिए हैं:
• पानी में भिगोकर देखें, छिलका रह जाए तो सतर्क रहें।
• आलू दबाने पर यदि दब जाए, तो यह पुराना हो सकता है।
• सतह पर लाल मिट्टी या अन्य संदिग्ध चीजें दिखें तो ऐसे आलू न खरीदें।
कानूनी कार्रवाई और सतर्क रहने की अपील
नमूनों को प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।खाद्य सुरक्षा विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे खाद्य सामग्री खरीदते समय सतर्कता बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना विभाग को दें। जनस्वास्थ्य की सुरक्षा में यह जागरूकता आवश्यक है।