नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया-171 विमान हादसे को कई हफ्ते बीत चुके हैं, इस दर्दनाक हादसे में 241 यात्रियों के साथ कुल 260 लोगों की मौत हो गई थी। अब इसे लेकर विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों ने आरोप लगाया है कि एयर इंडिया ने त्रासदी के बाद शुरुआती दिनों में मुआवजा निपटान प्रक्रिया को लेकर उन पर दबाव डाला।
परिवारों ने आरोप लगाया है कि एयर इंडिया ने उन्हें धमकी दी है कि अगर वे प्रश्नावली फॉर्म भरने में विफल रहे तो उन्हें कोई मुआवज़ा नहीं दिया जाएगा। प्रश्नावली फॉर्म में बहुत सारी कानूनी बातें हैं। वकीलों ने आरोप लगाया है कि आम आदमी के लिए इसे समझना मुश्किल है।
परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें मृतकों पर अपनी वित्तीय निर्भरता का खुलासा करने के लिए मजबूर किया है। यह आरोप ऐसे समय में आया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि दुर्घटना में मारे गए ब्रिटिश नागरिकों के परिवार एयर इंडिया और बोइंग पर मुआवज़े के लिए मुकदमा करने पर विचार कर रहे हैं।
ब्रिटिश कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स के विमानन वकील पीटर नीनान ने कहा कि एयरलाइन पीड़ितों के परिवारों को कम मुआवजा देकर कम से कम 100 मिलियन पाउंड बचा सकती है। उन्होंने बताया कि परिवारों को अत्यधिक गर्मी वाले भीड़ भरे अंधेरे कमरों में रखा गया था तथा उनसे उनकी वित्तीय जानकारी के बारे में दस्तावेज और जटिल प्रश्नावली भरने को कहा गया था।
एयर इंडिया ने शुक्रवार को उन आरोपों से इनकार किया कि अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे में कटौती करने के लिए उसे मृतकों पर वित्तीय निर्भरता का खुलासा करने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। एक बयान में एयर इंडिया ने इस दावे को निराधार और गलत बताया तथा कहा कि इस तरह के खुलासे एक मानक प्रक्रिया का हिस्सा हैं जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पात्र लाभार्थियों को अंतरिम मुआवजा मिले।