Uttar Pradesh

बसपा में ​आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ की वापसी, सुबह ही मायावती से मांगी थी माफी

​लखनऊ, 6 सितंबर, 2025:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में चल रहे उलटफेरों के बीच आकाश आनंद के ससुर और पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की पार्टी में वापसी हो गई है। यह घटनाक्रम आकाश आनंद की पार्टी में बढ़ती ताकत का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।

​सिद्धार्थ को इसी साल फरवरी में पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाजी के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से बसपा सुप्रीमो मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और पार्टी में वापस लेने का आग्रह किया। मायावती ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कुछ घंटे के भीतर ही उन्हें माफ कर दिया और उनकी वापसी की घोषणा कर दी।

​मायावती ने किया माफी का एलान

​मायावती ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि कुछ महीने पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया था। आज अशोक सिद्धार्थ ने एक लंबे पोस्ट के माध्यम से सार्वजनिक रूप से अपनी गलती के लिए माफी मांगी। साथ ही बसपा मूवमेंट और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करने का आश्वासन दिया।

​उन्होंने आगे कहा कि इसके चलते उनको निकालने का निर्णय तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। उन्हें पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया। मायावती ने उम्मीद जताई कि अशोक सिद्धार्थ अन्य कार्यकर्ताओं की तरह पूरे समर्पण के साथ पार्टी को मजबूत करेंगे।

माफी मांगने पर ​आकाश आनंद की भी हुई थी वापसी

​यह घटनाक्रम आकाश आनंद की 28 अगस्त को राष्ट्रीय संयोजक के रूप में नियुक्ति के ठीक बाद हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि आकाश आनंद की भी गत 13 अप्रैल को मायावती से माफी मांगने के बाद ही पार्टी में वापसी हुई थी। उस समय मायावती ने सिद्धार्थ को ‘माफ करने योग्य नहीं’ बताते हुए उनकी वापसी से इनकार कर दिया था। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि सिद्धार्थ ने गुटबाजी से न केवल पार्टी को नुकसान पहुंचाया, बल्कि आकाश के करियर को भी बर्बाद करने की कोशिश की थी।

​राजनीतिक जानकार मानते हैं ताकत का बढ़ना

​राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अशोक सिद्धार्थ की वापसी, जो पहले मायावती द्वारा अस्वीकार्य थी, अब आकाश आनंद की मजबूत स्थिति को दर्शाती है। उनका कहना है कि आकाश के राष्ट्रीय संयोजक बनने के बाद बसपा में उनका प्रभाव और परिवार का असर बढ़ा है। ऐसे में सिद्धार्थ की वापसी तय मानी जा रही थी।

​मायावती ने कल पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें वह अशोक सिद्धार्थ की वापसी के कारणों पर बात कर सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बसपा में आने वाले समय में आकाश आनंद और उनके समर्थकों की भूमिका किस तरह से विकसित होती है।

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