
लखनऊ, 14 अगस्त 2025:
यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में ‘विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश–2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर विशेष चर्चा के दौरान सपा पर तीखे प्रहार किए। इसके जवाब में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री को कई मुद्दों पर घेरा।
अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री जी खुद भी ‘PDA’ यानी ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ से हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर इनके मामा मठ में न होते, तो ये उत्तराखंड से न आते। ये हमारे प्रवासी मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भाजपा के सदस्य सिर्फ चुनाव के समय बनते हैं और भाजपा का असली विजन सिर्फ सत्ता के लिए है।
सपा प्रमुख ने दावा किया कि 2047 का विजन तो दूर, 2027 से पहले ही भाजपा के लोग आपस में भिड़ जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जनता के गुस्से से बचने के लिए फर्जी वोट बढ़वाने और बूथ मैनेजमेंट पर जोर दे रही है।
शिक्षा व्यवस्था पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार ने हजारों प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए और मर्जर की नीति अपनाई ताकि PDA परिवार के बच्चों को पढ़ाई से वंचित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद कह रहे थे कि G फॉर गधा पढ़ा रहे हैं, यह हमारे शब्द नहीं हैं। सरकार स्कूल खोलने की बजाय पढ़ाई छीनने की साजिश कर रही है।
बिजली व्यवस्था और विकास परियोजनाओं पर भी अखिलेश ने योगी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के कार्यकाल में पावर प्लांट, कानपुर मेट्रो और ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार किए गए, जिन्हें मौजूदा सरकार ने बर्बाद कर दिया। फूलन देवी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने उनके साथ अन्याय होने पर उन्हें छुड़वाया और सांसद बनाया, जबकि उनकी हत्या के पीछे भाजपा की विचारधारा वाले लोग थे।
पशुधन से जुड़ी समस्याओं पर भी सपा प्रमुख ने सरकार को घेरा। उन्होंने व्यंग्य किया कि अगर गौ माता श्राप देती हैं तो सांड भी श्राप देगा। जिनकी जान गई है उनके परिवार किसे श्राप देंगे? आज कोई ऐसा जिला नहीं बचा जहां सांड या जानवर से मौत न हुई हो। अखिलेश ने ‘डॉग लवर्स’ का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अगर सरकार विकसित भारत का सपना देख रही है तो पालतू जानवरों और उनके प्रेमियों के लिए भी योजनाएं बनानी चाहिएं।






