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बुआ-भतीजे में ‘ऑल इज वेल’: आकाश की वापसी मायावती के लिए मजबूरी या जरूरत?

नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2025

बसपा प्रमुख मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद के बीच सियासी रिश्तों में आई दरार अब खत्म हो चुकी है। तीन मार्च को निष्कासित किए गए आकाश को महज़ 41 दिनों बाद पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया गया है। आकाश ने सार्वजनिक रूप से मायावती से माफी मांगी और यह स्वीकार किया कि उन्होंने अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ की राजनीतिक सलाह पर चलकर गलती की।

बताया जा रहा है कि मायावती ने यह कदम किसी भावनात्मक फैसले के तहत नहीं, बल्कि रणनीतिक मजबूरी और आवश्यकता के तहत उठाया है। आकाश आनंद दलित युवाओं में लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं और बसपा के भविष्य में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। आंबेडकर जयंती से ठीक एक दिन पहले यह वापसी सियासी संदेश देने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

सूत्रों के अनुसार, आकाश की वापसी की पटकथा पहले से लिखी जा चुकी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर चार पोस्ट के जरिए मायावती को एकमात्र राजनीतिक मार्गदर्शक बताते हुए वफादारी और अनुशासन का संकल्प लिया। इसके बाद मायावती ने भी सार्वजनिक रूप से उन्हें माफ कर पार्टी में वापस लेने की घोषणा कर दी।

हालांकि, आकाश को अभी तक कोई पद या सियासी रुतबा नहीं दिया गया है, लेकिन यह तय है कि उनकी सक्रियता अब फिर से देखने को मिलेगी। दलित वोटबैंक को साधने और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे नए उभरते नेताओं के प्रभाव को कम करने के लिए मायावती को आकाश की जरूरत है। दूसरी ओर, आकाश भी जानते हैं कि बसपा के भीतर रहकर ही उनका राजनीतिक भविष्य सुरक्षित है।

इस सियासी घरवापसी से यह स्पष्ट है कि अब मायावती और आकाश दोनों एक-दूसरे के लिए मजबूरी भी हैं और जरूरत भी।

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