
आदित्य मिश्र
मुसाफिरखाना, 3 अप्रैल 2025:
उत्तर प्रदेश के अमेठी के मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। राजीव गांधी स्टेडियम से लखनऊ-वाराणसी हाईवे तक 1350 मीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है, जिसकी लागत 14.45 लाख रुपये है। सड़क निर्माण शुरू हुए अभी एक ही दिन हुआ था कि इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव मौके पर पहुंचे और अपने हाथों से सड़क की गिट्टियां उखाड़कर सरकार के दावों की पोल खोलने की बात कही। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिससे सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर बहस छिड़ गई है।
PWD विभाग की सफाई
इस पूरे मामले पर प्रांतीय खंड के एक्सईएन शैलेन्द्र कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि सड़क निर्माण में कोई अनियमितता नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि सड़क कुछ घंटे पहले ही बनी थी और उस पर अभी सीलकोट नहीं किया गया था। निर्माण कार्य के बाद सड़क को ठंडा होने में चार से पांच घंटे लगते हैं, लेकिन इसे ठंडा होने से पहले ही जबरन उखाड़कर गलत संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की कई मांगें पूरी नहीं होने पर विभाग को बदनाम करने की कोशिश की जाती है।
सड़क निर्माण में अनियमितता या राजनीति?
सपा जिलाध्यक्ष के इस कदम के बाद सड़क निर्माण को लेकर राजनीति तेज हो गई है। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बता रही है, वहीं सरकार और विभाग इसे महज राजनीति करार दे रहे हैं। यह जांच का विषय है कि वाकई सड़क की गुणवत्ता खराब थी या यह सिर्फ राजनीतिक स्टंट था।






