
अमृतसर, 19 अप्रैल 2025
पंजाब सरकार ने खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत डिटेंशन अवधि को एक वर्ष और बढ़ा दिया है। यह निर्णय अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश पर राज्य के गृह विभाग द्वारा लिया गया।
अमृतपाल सिंह पिछले दो वर्षों से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। 23 अप्रैल 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किए गए अमृतपाल पर NSA के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत भी मामले दर्ज हैं।
23 अप्रैल 2025 को उनकी डिटेंशन अवधि पूरी होने वाली थी। पंजाब पुलिस ने उन्हें वापस लाने की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन अंतिम समय में राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों ने विचार-विमर्श के बाद उनकी हिरासत को एक वर्ष और बढ़ाने का निर्णय लिया।
सहयोगियों की वापसी और वर्तमान स्थिति
अमृतपाल के नौ सहयोगियों को इस महीने की शुरुआत में पंजाब वापस लाया गया है और वे अब पंजाब पुलिस की हिरासत में हैं। इनमें प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह के अलावा कुलवंत सिंह राउके, हरजीत सिंह चाचा, गुरिंदर पाल सिंह उर्फ गुरी, गुरमीत सिंह बुकनवाला, भगवंत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह और वरिंदर सिंह उर्फ फौजी शामिल हैं। ये सभी आरोपी अब पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी 23 अप्रैल 2023 को हुई थी, जो 23 फरवरी 2023 को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हिंसक हमले के बाद की गई कार्रवाई का हिस्सा थी। इस हमले में अमृतपाल के समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों से लैस होकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था, जिससे पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए गए और अधिकारियों के साथ झड़प हुई। इस घटना के बाद, पंजाब पुलिस ने 18 मार्च 2023 को अमृतपाल के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया था। एक महीने से अधिक समय तक गिरफ्तारी से बचने के बाद, उन्हें अंततः मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था।
इस निर्णय से स्पष्ट है कि राज्य सरकार अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों के मामलों को गंभीरता से ले रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कठोर कदम उठा रही है।