
नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025
मुंबई के 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाने के लिए जिस विमान का चयन किया गया, वह था गल्फस्ट्रीम G550 — एक ऐसा बिजनेस जेट जिसे हवा में उड़ता हुआ अभेद्य किला कहा जाता है। गुरुवार को इस चार्टर्ड विमान ने मियामी से उड़ान भरते हुए रोमानिया के बुखारेस्ट में 11 घंटे रुककर आखिरकार दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड किया।
इस पूरे ऑपरेशन में सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन किया गया। विमान में राणा के साथ NSG कमांडो, NIA के वरिष्ठ अधिकारी और एक अमेरिकी स्काई मार्शल लगातार मौजूद रहे। गल्फस्ट्रीम G550 को इसके लॉन्ग रेंज, मजबूत सुरक्षा व्यवस्था और सीमित स्टॉप के साथ इंटरकॉन्टिनेंटल उड़ान की क्षमता के कारण चुना गया।
गल्फस्ट्रीम G550 में 19 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है और यह विमान अमेरिकी कंपनी गल्फस्ट्रीम एयरोस्पेस द्वारा निर्मित है। इसकी पहली उड़ान 2003 में हुई थी और इसके बाद यह दुनिया के कई बड़े कारोबारी, सरकारी और सैन्य मिशनों की पहली पसंद बन गया। इसकी बेस कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये मानी जाती है।
तहव्वुर राणा इस समय NIA की हिरासत में है और उससे 18 दिनों तक गहन पूछताछ की जा रही है। 11 अप्रैल को भारत लाए गए राणा की हर 24 घंटे में मेडिकल जांच अनिवार्य की गई है। जांच का मकसद यह जानना है कि 26/11 हमले में उसकी क्या और कितनी भूमिका रही थी।
भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की इस बड़ी कामयाबी को एक रणनीतिक सफलता माना जा रहा है, जिसने आतंक के एक आरोपी को सुरक्षित भारत लाने का चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया।






