National

मणिपुर में ‘मणिपुर’ शब्द ढकने पर भड़का गुस्सा, केंद्र सरकार के दफ्तरों पर प्रदर्शनकारियों ने जड़े ताले

इंफाल, 28 मई 2025:
मणिपुर एक बार फिर तनाव की आग में झुलस रहा है। राज्य के कई जिलों में मंगलवार को व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिनका कारण एक सरकारी बस से ‘मणिपुर’ शब्द को हटाया जाना था। इस घटना ने मेइती समुदाय के लोगों को आक्रोशित कर दिया, जिन्होंने इसे राज्य की अस्मिता पर हमला माना।

20 मई को उखरूल जिले में आयोजित शिरुई लिली उत्सव की कवरेज के लिए जा रही एक सरकारी बस को सुरक्षाबलों ने इंफाल पूर्वी जिले के ग्वालताबी चौकी पर रोका। आरोप है कि सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (DIPR) के कर्मचारियों को बस के आगे लिखे ‘मणिपुर’ शब्द को सफेद कागज से ढकने के लिए मजबूर किया गया। इसी घटना ने मेइती बहुल इंफाल घाटी में गुस्से की आग भड़का दी।

मंगलवार को छात्रों और सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में प्रदर्शन उग्र हो गया। कोकोमी (Coordinating Committee on Manipur Integrity) की छात्र इकाई ने कई केंद्रीय कार्यालयों पर तालाबंदी कर दी। इंफाल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने जबरन घुसकर गेटों पर ताले जड़ दिए और कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया।

प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के खिलाफ ‘माफी मांगो या मणिपुर छोड़ो’ जैसे नारे भी लगाए। लामलोंग, सिंगजामेई और नाम्बोल जैसे इलाकों में विशाल मार्च निकाले गए और 5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई।

पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्यपाल से मिलकर मामले में शांति बहाल करने की अपील की है। वहीं, कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने दोषी अधिकारी से माफी की मांग की है और कहा कि राज्य की पहचान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार से मेइती संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर नार्को-आतंकवाद और अवैध आप्रवासन जैसे मुद्दों को भी उठाया है। राज्य में तनाव बरकरार है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button