
मयंक चावला
आगरा, 23 दिसम्बर 2024:
चंबल सेंचुरी क्षेत्र में वन विभाग द्वारा दो दिवसीय जलीय जीवों की वार्षिक गणना शुरू की गई है। यह अभियान विश्वभर में विलुप्तप्राय प्रजातियों जैसे घड़ियाल, मगरमच्छ, और डॉल्फिन सहित अन्य जलीय जीवों की सुरक्षा और उनके संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
रेहा से पंचनदा तक फैले चंबल नदी क्षेत्र में इस गणना के लिए वन विभाग ने चार विशेष टीमें लगाई हैं। गणना के पहले दिन वन विभाग की टीमों ने चंबल नदी के किनारे और बीच के टापुओं पर आराम फरमाते घड़ियाल और मगरमच्छों को देखा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष चंबल नदी में बाढ़ नहीं आने के कारण इन जलीय जीवों के कुनबे में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि होने की संभावना है। यह गणना इस बात का संकेत देगी कि संरक्षण प्रयासों का क्या प्रभाव पड़ा है और आगे की रणनीतियां किस तरह बनाई जानी चाहिए।
गणना पूरी होने के बाद इन प्रजातियों की संख्या और उनकी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम है और चंबल सेंचुरी को एक सुरक्षित आवास के रूप में बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
यह प्रयास न केवल इन विलुप्तप्राय प्रजातियों के लिए राहत है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने में भी मदद करेगा। चंबल सेंचुरी के ये जीव प्राकृतिक धरोहर हैं, और इनके संरक्षण में स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों की सहभागिता भी महत्वपूर्ण है।