नई दिल्ली, 30 जून 2025 —
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भारतीय नौसेना अधिकारी द्वारा दिए गए एक बयान से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जबकि इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने सफाई देते हुए बयान को संदर्भ से हटकर बताया है।
दरअसल, नौसेना अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने 10 जून को जकार्ता के एक विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार के दौरान कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआती कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने अपने कुछ फाइटर जेट गंवा दिए। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक नेतृत्व से मिले निर्देशों के कारण वायुसेना को पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला करने की अनुमति नहीं थी, जिससे शुरुआती नुकसान हुआ। हालांकि बाद में रणनीति बदली गई और दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट किया गया।
इस बयान पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री मोदी से तीन सवाल पूछे। कांग्रेस ने पूछा कि सरकार विपक्ष को सच बताने के लिए सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुला रही है? संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया गया? और प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री इस मुद्दे पर देश से क्या छिपा रहे हैं?
दूसरी ओर, इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि मीडिया में आई रिपोर्टें रक्षा अधिकारी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही हैं। दूतावास ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करती है और ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाना था, न कि किसी उकसावे के तहत कार्रवाई करना।
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस दौरान पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी।