लखनऊ, 16 दिसंबर 2024:
यूपी विधानसभा के सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने काफी हंगामा किया। गत दिनों संभल और बहराइच में हुई हिंसा को लेकर योगी सरकार को घेरा। इस मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि संभल हिंसा को लेकर विपक्ष बवाल कर रहा है जबकि उनके शासनकाल में वहां नरसंहार हुए। संभल में दंगों का इतिहास रहा है। 2017 के बाद हिंसा की घटनाओं में 99 प्रतिशत तक कमी आई है।
सीएम योगी ने कहा कि हमारा पुराण भी इस बात को कहता है कि भगवान विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा। वहां तो केवल सर्वे की बात थी। कोर्ट के आदेश पर सर्वे हो रहा था। प्रशासन का दायित्व है कि न्यायालय के आदेश का पालन करें। सर्वे 19 नवंबर और 21 नवंबर को भी हुआ था। जुमे की नमाज के पहले और बाद में दी गईं तकरीरों के चलते माहौल खराब हुआ। हमारी सरकार ने कहा कि ज्यूडिशियल कमीशन बनाएंगे। सदन में उसकी रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।
‘राम के बिना हमारा कोई काम ही नहीं होता’
सीएम योगी ने विपक्ष से पूछने के अंदाज में कहा कि राम-राम शब्द सांप्रदायिक कब से हो गया? पश्चिम उत्तर प्रदेश में आप जाएंगे तो लोग सामान्य संबोधन में राम-राम ही बोलते हैं। हम किसी से मिलते हैं तो राम-राम कहते हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम यात्रा में किसी को विदा करते हैं तो भी राम नाम सत्य बोलते हैं। राम के बिना हमारा कोई काम ही नहीं होता है। किसी ने जय श्रीराम बोल दिया तो इसमें आप नीयत समझ सकते हैं। ये चिढ़ाने वाला नहीं है।
‘कुंदरकी के उपचुनाव के दौरान वहां के लोगों को याद आईं अपनी जड़ें’
अपने संबोधन में योगी ने कहा कि विपक्ष ने कुंदरकी की जीत को वोट की लूट बताया। आपके प्रत्याशी की तो जमानत जब्त हो गई थी। क्या ये सच नहीं है कि देशी और विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है जिस पर आप पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। सूर्य, चांद और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता है। कुंदरकी के उपचुनाव के दौरान वहां के लोगों को अपनी जड़ें याद आ गईं। इसी तरह जिस दिन इकबाल महूबूब (संभल के विधायक) को अपनी जड़ें याद आ जाएंगी, वह विरोध बंद कर देंगे। ये तो बाबरनामा में भी लिखा गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया है। भारत की एक विरासत है। सरकार भी उसी को लेकर कार्य कर रही है।