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बैकडोर एंट्री बना आधार? घुसपैठ, वोटर आईडी और सरकारी योजनाओं पर संसदीय समिति ने जताई चिंता

नई दिल्ली, 18 जुलाई 2025

संसदीय लोक लेखा समिति (PAC) ने देशभर में आधार कार्ड के संभावित दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। समिति का कहना है कि अवैध घुसपैठिए आधार कार्ड हासिल कर न सिर्फ देश में टिक रहे हैं, बल्कि वोटर आईडी, पासपोर्ट और सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। PAC ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।

PAC की हालिया बैठक में कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिहार, झारखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों में गैरकानूनी रूप से रह रहे लोग बड़ी संख्या में आधार कार्ड बनवा रहे हैं। इन दस्तावेजों के ज़रिए वे नागरिकता का दावा कर रहे हैं, जिससे देश की सुरक्षा और संसाधनों पर खतरा मंडरा रहा है।

UIDAI अधिकारियों ने बैठक में दावा किया कि आधार डाटा में किसी तरह की सेंधमारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक आधारित पहचान प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है, और सांसद चाहें तो मानेसर स्थित डाटा सेंटर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना कर सकते हैं।

सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि समिति को शिकायतें मिली हैं कि कई बार डाटा मिलान न होने के कारण वास्तविक लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पाता। उन्होंने यह भी कहा कि चेहरा पहचानने की तकनीक (Face Authentication) में लगातार तकनीकी गड़बड़ियां आ रही हैं, जिससे आम आदमी परेशान हो रहा है।

PAC का मानना है कि अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो आने वाले समय में चुनाव प्रक्रिया, जनगणना और सामाजिक योजनाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर असर पड़ सकता है। UIDAI से स्पष्ट नीति, पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए समिति ने संकेत दिए हैं कि वह आधार से जुड़ी प्रक्रियाओं की संसदीय समीक्षा भी कर सकती है।

इस मुद्दे ने केंद्र और राज्यों को फिर से अपनी पहचान सत्यापन व्यवस्था पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।

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