
लखनऊ, 26 जुलाई 2025:
यूपी के बहराइच स्थित महाराजा सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज में मरीजों के इलाज में लापरवाही और अव्यवस्था की शिकायत पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिले के पयागपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक सुभाष त्रिपाठी की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देश पर गठित इस हाई लेवल कमेटी की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक डीजी डॉ. किंजल सिंह करेंगी। इस समिति में स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव कृतिका शर्मा और डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान (RML) की प्रोफेसर डॉ. नीतू सिंह को सदस्य बनाया गया है। समिति 15 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

विधायक सुभाष त्रिपाठी ने 24 जुलाई को शासन को भेजे गए एक पत्र में आरोप लगाया था कि ग्राम अमराई थाना विशेश्वरगंज, बहराइच निवासी उमेश पाल की गर्भवती पत्नी को प्रसव के लिए महाराजा सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने की प्रक्रिया के दौरान वहां मौजूद डॉक्टरों और स्टाफ ने लापरवाह व उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया। विधायक के अनुसार उन्होंने स्वयं कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय खत्री और डॉ. अन्नू श्रीवास्तव से बात की, लेकिन इसके बावजूद प्रसूता को न तो भर्ती किया गया और न ही इलाज मुहैया कराया गया।
इस लापरवाही के चलते महिला को मजबूरी में निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ा। शिकायत के बाद शासन में हड़कंप मच गया और तुरंत उच्च स्तरीय जांच कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया। जांच के घेरे में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सहित संबंधित चिकित्सक व स्टाफ भी शामिल हैं।
शासन की यह सख्त कार्रवाई राज्य के मेडिकल संस्थानों में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।






