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चीन हो या अमेरिका, टैरिफ वॉर के बीच दोनों चाहते हैं भारत का साथ

नई दिल्ली, 10 अप्रैल 2025

अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी टैरिफ जंग में भारत की अहमियत तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ का कड़ा वार किया है, जिसके चलते वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मची है। दोनों देशों की नजर अब भारत पर है, क्योंकि दोनों ही भारत को अपने साथ देखना चाहते हैं।

व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने भारत को “महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार” बताते हुए कहा कि व्यापार वार्ताएं अब जापान, दक्षिण कोरिया और भारत जैसे चीन के पड़ोसियों के साथ केंद्रित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं है, बल्कि वैश्विक व्यापार में ‘बेड एक्टर्स’ से जुड़ा मामला है।

बेसेंट ने कहा कि चीन आज की दुनिया की सबसे असंतुलित अर्थव्यवस्था है और यह न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बन चुका है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने साझेदारों के साथ मिलकर समाधान की दिशा में काम कर रहा है।

भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार राष्ट्रहित को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है, सरकार देश के सर्वोत्तम हित में निर्णय ले रही है।

वहीं, चीन भी भारत से सहयोग की उम्मीद कर रहा है। भारत में स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से निपटने के लिए भारत और चीन को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं।

इस बीच, अमेरिका और वियतनाम भी व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू कर चुके हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका ने वियतनाम पर 46% टैरिफ लगाने की योजना पर रोक लगा दी है।

टैरिफ वॉर के इस दौर में भारत एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में उभरा है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिल सकती है।

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