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सीपीएम में बड़ा बदलाव: करात-येचुरी युग का अंत, एमए बेबी बने नए महासचिव

मदुरै, 7 अप्रैल 2025

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 24वें अधिवेशन में बड़ा संगठनात्मक बदलाव किया गया है। मदुरै में हुए इस अधिवेशन में 71 वर्षीय मरियम अलेक्जेंडर बेबी को पार्टी का नया महासचिव चुना गया। एमए बेबी सीपीएम के इतिहास में पहले ईसाई नेता हैं जिन्हें महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह बदलाव प्रकाश करात और सीताराम येचुरी जैसे वरिष्ठ नेताओं के युग का अंत माना जा रहा है। येचुरी के सितंबर 2024 में निधन के बाद पार्टी की कमान अस्थाई रूप से प्रकाश करात ने संभाली थी और अब औपचारिक रूप से यह जिम्मेदारी एमए बेबी को सौंप दी गई है।

सीपीएम की सर्वोच्च इकाई पोलित ब्यूरो में भी बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें आठ नए सदस्य शामिल किए गए हैं जबकि वृंदा करात, माणिक सरकार, सुभाषिनी अली समेत कई वरिष्ठ नेता सेवानिवृत्त कर आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। एमए बेबी के नेतृत्व में पार्टी को पारंपरिक गढ़ पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में फिर से स्थापित करना और केरल में एलडीएफ को तीसरी बार सत्ता में वापस लाना बड़ी चुनौती होगी।

बेबी लंबे समय से पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं और उन्होंने छात्र संगठन एसएफआई से राजनीति की शुरुआत की थी। सीपीएम ने अपने राजनीतिक एजेंडे में जातिगत जनगणना, निजी क्षेत्र में आरक्षण, वक्फ संशोधन बिल की वापसी, फिलिस्तीन पर इजरायली हमले की निंदा जैसे कई प्रस्ताव पारित किए हैं, जो पार्टी की भावी दिशा तय करते हैं। एमए बेबी की ताजपोशी को पार्टी द्वारा ईसाई समुदाय को साधने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है, क्योंकि केरल की राजनीति में ईसाई मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पार्टी की रणनीति साफ है कि वह दलित, ओबीसी, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय पर फोकस कर अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश करेगी। सीपीएम के इस बदलाव को महज चेहरा परिवर्तन नहीं बल्कि पीढ़ीगत और वैचारिक दिशा बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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