नई दिल्ली , 4 सितंबर
जैसे-जैसे हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) की तारीखें करीब आ रही हैं, वैसे-वैसे सूबे में राजनीतिक समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं. इस बीच बातें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन (Congress-AAP Alliance) की भी हो रही हैं. बीते लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन हुआ था. हालांकि, पंजाब में दोनों पार्टियां आमने-सामने थीं.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच कुछ बैठकें हो चुकी हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि शीट शेयरिंग पर बात फंस सकती है. कहा ये भी जा रहा है कि जहां राहुल गांधी चाहते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हो, वहीं राज्य कांग्रेस के नेता इस गठबंधन के समर्थन में नहीं हैं.
इस संभावित गठबंधन के लिए कांग्रेस ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. इसमें केसी वेणुगोपाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अजय माकन शामिल हैं. वहीं AAP की तरफ से बातचीत की जिम्मेदारी संदीप पाठक, सुशील गुप्ता और राघव चड्ढा को मिली हुई है. कहा जा रहा है कि जहां कांग्रेस 5 से 7 सीटें देने के लिए तैयार है, वहीं आम आदमी पार्टी 9 सीटों की मांग कर रही है.
आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि उसे पंजाब और दिल्ली से लगी हरियाणा की सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिले. पार्टी के लिए हरियाणा एक खास राज्य है क्योंकि यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गृह राज्य है. हालांकि, पार्टी को अभी तक यहां कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल पाई .
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 10 में से 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं एक सीट AAP को दी थी. कुरुक्षेत्र से AAP के सुशील गुप्ता करीबी अंतर से हारे थे. इस लोकसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस ने 5-5 सीटें जीती थीं. विधानसभाओं के आधार पर बात करें तो कांग्रेस 90 में से 42 सीटों पर आगे रही थी. वहीं आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर आगे रही थी. BJP के लिए ये आंकड़ा 44 सीटों का था.
धर्मेंद्र कंवारी कहते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन लगभग तय है और इसका एलान जल्द से जल्द होगा. सीटों पर भी सहमति बनती दिख रही है. इधर, मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक वृहद विपक्षी एकता का संदेश देने के लिए कांग्रेस पार्टी राज्य में समाजवादी पार्टी और CPM को भी कुछ एक सीटें दे सकती है.