पटना, 2 जून 2025:
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों के ऐलान में दिवाली और छठ पर्व का विशेष ध्यान रखने का फैसला किया है। बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया को समय रहते पूरा करना चाहता है।
सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव दो या तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने अधिकारियों और कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है ताकि चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट की विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके। पिछली बार महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में वोटर लिस्ट को लेकर जो विवाद हुए थे, उन्हें बिहार में दोहराए जाने से बचाने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं।
बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को घर-घर जाकर वोटर लिस्ट का सत्यापन करने की जिम्मेदारी दी जाएगी और उन्हें पहचान पत्र भी दिए जाएंगे। इसके अलावा 18 वर्ष के नए वोटर्स के नाम जोड़ने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेटिंग को आसान बनाने के लिए ECINET नामक एक इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड विकसित किया है, जिससे चुनाव से जुड़ी सारी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी। आयोग ने डुप्लीकेट EPIC नंबर खत्म कर दिए हैं और मर चुके मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के आंकड़ों का सहारा लिया है।
चुनाव में मतदाताओं की सुविधा के लिए एक पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर्स ही रहेंगे और घनी आबादी वाले इलाकों में अतिरिक्त बूथ बनाए जाएंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मतदाताओं को मतदान के लिए 2 किलोमीटर से ज्यादा चलना न पड़े।
वोटर स्लिप पर सीरियल और पार्ट नंबर बड़े अक्षरों में स्पष्ट लिखे जाएंगे ताकि मतदान केंद्र तक पहुंचना आसान हो। चुनाव आयोग एआई और डीपफेक जैसी तकनीकों पर नजर रखने के लिए एक विशेष सेल भी बनाएगा, और राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में पारदर्शिता बरतने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
इस प्रकार बिहार चुनाव के लिए व्यापक और सशक्त तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।