
भागलपुर, 26 दिसम्बर 2024
भागलपुर से एक अनोखी घटना सामने आई है जहां लोगों को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा है कि आखिरकार ऐसा भी हो सकता है क्या..? असामाजिक तत्वों ने बगिया को उजाड़ा, 500 से अधिक पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया, बासा में भी आग लगा दी, विरोध में किसानों ने पेड़-पौधों की अर्थी सजाई और शव यात्रा निकली, फिर हिंदू रीति रिवाज के साथ गंगा घाट पर पेड़ों का अंतिम संस्कार भी किया, सुनकर अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन यह भागलपुर के पीरपैंती के बड़ी मोहनपुर से सामने आई सच्ची घटना है।
21वीं सदी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पेड़ पौधों की महत्वता भी बढ़ती जा रही है, मनुष्यों में पेड़ पौधों के प्रति लगाव बढ़ रहा है लोग उसे अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे हैं लेकिन कुछ जगहों पर असमाजिक तत्वों के द्वारा इसे नुकसान पहुंचाया जाता है, मानो इससे ही उन्हें खुशी मिलती हो। दरअसल भागलपुर मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पीरपैंती के बड़ी मोहनपुर में असमाजिक तत्वों ने शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है, उनके उसके द्वारा 500 छोटे-छोटे पौधे व 150 से अधिक बड़े पेड़ों को काट दिया गया, यूं कहें तो उसकी हत्त्या कर दी गयी।
शोक जताते हुए बगान के मालिक व लोगों ने पेड़-पौधों के अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया, फिर लोगों ने पेड़ पौधों को फकडोल पर लादकर शवयात्रा निकाली, चचरी पर मृत पौधों को लाद बाकायदा उसकी पूजा की गई, चौराहों पर परिक्रमा की गई उसके बाद यात्रा करते हुए गंगा घाट पहुँचे और वहां मंत्रोच्चारण के साथ पौधों को गंगा में प्रवाहित किया। इस अनोखी शव यात्रा में गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए। घटना को लेकर बताया जा रहा कि वर्चस्व कायम करने के लिए असामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया, मोहनपुर ओमप्रकाश जयसवाल के बगान में लगे पेड़ पौधों को नष्ट कर दिया यहां मनरेगा के तहत भी ढाई लाख खर्च कर 400 से अधिक पौधे लगाए गए थे जिसे असामाजिक तत्वों ने नष्ट कर दिया। किसानों को द्वारा अपने पैसे से लगाए गए भी 300 से अधिक पेड़ पौधों को काट दिया गया , तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सामाजिक तत्वों ने बगीचे में तांडव मचाया है।
इतना ही नहीं पेड़ पौधों की देखभाल करने वाले गोपी मंडल के बनाये बासा में आग भी लगा दी, जहां वह दिन और रात के वक्त रहा करते थे, 3 दिन पहले बासा में आग लगाई थी बगान मालिक के बेटे अरुण जयसवाल ने 4 असामाजिक तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई में जुटी है। अरुण व उनकी पत्नी ने कटे पौधों की विधि विधान से पूजा अर्चना कर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की। अरुण ने बताया कि पेड़ पौधों को हम बच्चों की तरह परिवार की तरह सेवा करते है जब इस तरह की घटना हुई काफी आहत हुए हैं।
बागान के मालिक अरुण की पत्नी शालिनी कुमारी ने कहा कि जिसने ऐसी घटना की उन लोगों को सजा मिलनी चाहिए पौधों को देख बहुत तकलीफ हुई हमने अपना धर्म निभाया पुरुषों ने अपना धर्म निभाया और पौधों का अंतिम संस्कार किया। बता दें कि सरकार के द्वारा वातावरण व पर्यावरण के संतुलन को बनाये रखने के लिए मनरेगा के तहत पेड़ पौधे लगाते हैं।इसी वजह से ग्रामीणों ने भी प्रशासन से कार्यवाई की मांग की है।






