हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 6 सितंबर 2025 :
यूपी के गोरखपुर जिले में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) में तैनात प्रोफेसर पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रोफेसर ने छात्र का जानबूझकर कर उत्पीड़न किया और पिता के साथ अपमानजनक व्यवहार किया। इसी व्यवहार से आहत होकर दिल का दौरा पड़ने से पिता की जान चली गई। वो इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे और प्रोफेसर को जेल भेजने के लिए संघर्ष करेंगे।
भाजपा के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे प्रकरण को लेकर मीडिया से बात की। उनका कहना है कि गत 28 अगस्त को उनके पास विश्वविद्यालय के का छात्र आयुष मिश्रा आया था। उसने शिकायत कर बताया था कि उसे एक पेपर में साजिश कर 75 में 34 नम्बर दिए और आंतरिक परीक्षा में 25 में एक नम्बर दिया गया। जबकि नियमों में ये प्राविधान है कि जिसकी अटेंडेंस 75 प्रतिशत होगी उसे 5 नम्बर दिया जाएगा। इस छात्र को ओवरआल सभी विषयों में 78 प्रतिशत अंक मिले हैं।
ये सब साजिश के तहत किया गया। इसमें विभागाध्यक्ष आंतरिक परीक्षक शामिल रहे। मेरे पास आने के बाद मैंने वाइस चांसलर को पत्र लिखा और फोन किया। उन्होंने विभागाध्यक्ष को बुलाया तो उन्होंने असमर्थता जता दी। इसके बाद विभागाध्यक्ष ने छात्र आयुष को उसके पिता मुरलीधर के साथ बुलाया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। वो आहत होकर वहीं गिर पड़े। कायदे से उन्हें मेडिकल मदद मिलना चाहिए था। इसके बावजूद उन्हें गम्भीर हालत में कमरे के बाहर छोड़ दिया। बाद में पिता को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एमएलसी ने आरोप लगाया कि छात्रों के साथ यह व्यवहार बेगार न करने पर किया जाता है। मेरा पत्र देखकर उसे अपमानित किया गया। विभागाध्यक्ष की नियुक्ति फर्जी है इसने अपनी पत्नी को फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी दिलवा दी। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ न होने की वजह से ये मुद्दे उठ नहीं पाते हैं लेकिन मैं इस मुद्दे को सदन में उठाऊंगा और विभागाध्यक्ष के जेल जाने तक संघर्ष करूंगा।