
लखनऊ, 11 मई, 2025:
यूपी की राजधानी रविवार को भारत के रक्षा क्षेत्र में गौरवशाली पलों की साक्षी बन गई। यहां सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल एनजी (नेक्स्ट जनरेशन) की उत्पादन इकाई का शुभारंभ हो गया। सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े रहे। दोनों ने संयुक्त रूप से इसका आगाज किया। ब्रह्मोस की घातक मारक क्षमता दुश्मन के हौसले तोड़ देती है। पाक से चल रहे तनाव के बीच इस उपलब्धि ने हर भारतवासी को गर्व से भर दिया है।
पीएम ने यूपी के छह नोड में की थी डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा, सीएम व रक्षा मंत्री ने किया शुभारंभ
बता दें कि उ.प्र. डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में की थी। इस कॉरिडोर के छह नोड्स अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट व कानपुर के साथ लखनऊ, में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक निवेश हो रहा है। रविवार को इसी के तहत सरोजनीनगर स्थित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएम योगी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की मिसाइल शक्ति पूरी दुनिया देखेगी। पीएम के मेक इन इंडिया अभियान के तहत डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए ब्रह्मोस का उत्पादन मील का पत्थर साबित होगा।
पाकिस्तान जानता है ब्रह्मोस की ताकत, आतंकवाद कुत्ते की पूछ, कुचलने का समय आ गया
सीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत देखी होगी नहीं देखी होगी तो पाकिस्तान से पूछिए कि इसकी ताकत क्या है। आतंक को जब तक पूरी तरह कुचलेंगे नहीं तब तक समाधान नहीं होगा। अब इसको कुचलने के समय आ गया है। पीएम ने कहा है कि आतंकी घटना अब युद्ध जैसी होगी। हमें पीएम के साथ खड़े होकर इस संकल्प को पूरा करना होगा। आतंकवाद कुत्ते की पूछ है जो कभी सीधे होने वाली नहीं प्यार की भाषा मानने वाली नहीं उसको उसी भाषा मे समझाना होगा। भारत ने इसका संदेश ऑपरेशन सिंदूर से दे दिया है।
सुपर मैटेरियल्स प्लांट मिला, डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम का शिलान्यास
समारोह में सीएम और रक्षा मंत्री टाइटेनियम एंड सुपर एलॉय मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन करेंगे। यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए हाई क्वालिटी की सामग्रियों का उत्पादन करेगा। इनका इस्तेमाल चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस यूनिट के साथ डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (डीटीआईएस) का भी शिलान्यास किया जाएगा, जो रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन में मदद करेगा।
देश की पांचवी लेकिन एनजी मिसाइल की पहली यूनिट लखनऊ में, भारत रूस का है संयुक्त उपक्रम

लखनऊ नोड पर स्थापित ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये से तैयार की गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई थी, तीन वर्ष में इसका निर्माण पूरा कर लिया गया।
ब्रह्मोस का उत्पादन अभी तिरुवनंतपुरम, नागपुर , हैदराबाद और पिलानी में होता है। लखनऊ इसकी पांचवी प्रोडक्शन यूनिट होगी, लेकिन एनजी तकनीक वाली मिसाइल केवल लखनऊ में तैयार होगी। ब्रह्मोस-एनजी का उत्पादन भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम मिलकर कर रहे हैं। मौजूदा इस्तेमाल हो रही पहली ब्रह्मोस मिसाइल तैयार कर उसकी डिलीवरी की गई।
नेक्स्ट जनरेश की ब्रम्होस मिसाइल की ये है खासियतें

– मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 2900 किलोग्राम है, जबकि एनजी तकनीक की मिसाइल का वजन घटकर 1260 किलोग्राम हो जाएगा।
– मिसाइल की गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा, और समुद्र से ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर लॉन्च की जा सकती है।
– सुखोई विमान में एक की जगह पांच मिसाइल तक लोड हो सकेंगी। इसकी रेंज मौजूदा मिसाइल की तरह 300 किमी. की होगी।
– थलसेना के सिस्टम से एक साथ तीन की जगह छह मिसाइल लोड होंगी। नौसेना के युद्धपोत की क्षमता भी बढ़ेगी।






