वाराणसी, 17 दिसंबर 2025:
धर्म, अध्यात्म, संस्कृति और इतिहास की त्रिवेणी से सजी पौराणिक नगरी काशी ने बीते एक दशक में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी सशक्त पहचान दर्ज कराई है। ‘ब्रांड बनारस’ आज न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आस्था, विरासत और आधुनिकता का अनूठा संगम बन चुका है। योगी सरकार के नेतृत्व में हुए व्यापक विकास कार्यों ने काशी के प्राचीन वैभव को नई ऊर्जा दी है, जिससे वाराणसी देश के सबसे तेजी से बढ़ते पर्यटन शहरों में शामिल हो गई है।
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 से सितंबर 2025 तक कुल 45,44,82,662 भारतीय और विदेशी पर्यटकों ने काशी का भ्रमण किया। वर्ष 2014 में जहां पर्यटकों की संख्या 54,89,997 थी, वहीं 2025 (सितंबर तक) यह आंकड़ा बढ़कर 14,69,75,155 के पार पहुंच गया। यानी 2014 की तुलना में 2025 तक लगभग 14.64 करोड़ से अधिक पर्यटकों की वृद्धि दर्ज की गई, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस अवधि में 45,16,09,026 भारतीय और 28,73,636 विदेशी पर्यटक वाराणसी पहुंचे।

दशकों तक कागजी योजनाओं तक सीमित रहे विकास कार्य अब धरातल पर स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में वाराणसी से सांसद बनने और केंद्र की कमान संभालने तथा 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद काशी के सर्वांगीण विकास को नई गति मिली। मजबूत कानून व्यवस्था, सड़क, रेल और हवाई संपर्क में सुधार, आधुनिक बुनियादी ढांचा और विश्वस्तरीय सुविधाओं ने वाराणसी को पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित किया है।

नव्य-भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अभूतपूर्व सुविधाएं मिली हैं। गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था, सारनाथ का समग्र विकास, गंगा में क्रूज संचालन और आधुनिक पर्यटन सुविधाओं की श्रृंखला ने देश-विदेश के सैलानियों को खासा आकर्षित किया है। इससे काशी की पारंपरिक पहचान सुरक्षित रहते हुए उसकी आधुनिक छवि भी सशक्त हुई है।
कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 और 2021 में पर्यटन पर असर पड़ा, लेकिन इसके बाद काशी में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला। वर्ष 2022 से 2025 तक हर साल पर्यटकों की संख्या ने नए कीर्तिमान स्थापित किए। 2022 में 7.12 करोड़, 2023 में 8.54 करोड़, 2024 में 11.01 करोड़ और 2025 में अब तक 14.69 करोड़ पर्यटक वाराणसी पहुंचे हैं।

यूपी टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता के अनुसार पर्यटकों की बढ़ती संख्या से होटल, ट्रैवल, हस्तशिल्प, नाविक, गाइड और छोटे व्यापारियों को सीधा लाभ मिला है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। आज काशी एक वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रही है, जहां आस्था के साथ विकास की नई गाथा लिखी जा रही है।






