बरेली, 9 मई 2025:
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में घरेलू हिंसा की एक दिल दहला देने वाली सच्ची घटना सामने आई है, जिसमें दो बच्चों की मुस्लिम मां ने अपने पति, ससुराल वालों, जेठ और देवर पर अमानवीय अत्याचारों के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि वह थाने और अधिकारियों के चक्कर काट-काटकर थक चुकी है, लेकिन न्याय की उम्मीद अब केवल कोर्ट से है।
महिला ने बताया कि उसका निकाह वर्ष 2019 में कासगंज निवासी युवक से हुआ था। शादी में मायके वालों ने सामर्थ्य से अधिक दहेज दिया—नकद, मोटरसाइकिल और जेवर तक। लेकिन शादी के बाद ही पति की शराबखोरी और आपराधिक गतिविधियों की सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद शुरू हुआ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सिलसिला।
महिला का आरोप है कि बेटी के जन्म के बाद भी दहेज की मांगें बढ़ती गईं। दूसरी बार गर्भवती होने पर पति और सास ने गर्भपात का दबाव बनाया। किसी तरह वह मायके पहुंची और बेटे को जन्म दिया। बेटे के जन्म के बाद ससुराल लौटने पर उसे अलग कर दिया गया और खाना-पानी तक खुद बनाने को मजबूर किया गया।
सबसे गंभीर आरोप महिला ने जेठ और देवर पर लगाए हैं। जेठ ने उसके साथ अश्लील हरकतें करने की कोशिश की, वहीं देवर ने 26 फरवरी 2025 की रात हथियार लेकर घर में घुसकर जान से मारने की धमकी दी और शर्मनाक हरकत की। शोर मचाने पर पड़ोसी पहुंचे, तब जाकर जान बची।
महिला ने कई बार थाना विशारतगंज और बरेली एसएसपी से शिकायत की, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में उसने कोर्ट की शरण ली है और अब उसे न्याय की पूरी उम्मीद है। यह मामला न सिर्फ घरेलू हिंसा की भयावहता को उजागर करता है, बल्कि महिला सुरक्षा और पुलिस तंत्र की गंभीर खामियों की ओर भी इशारा करता है।