ग्रेटर नोएडा,27 नवंबर 2024
रविवार को यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए दर्दनाक हादसे में कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से फरार कैंटर ड्राइवर हरेंद्र यादव उर्फ सोनू को पुलिस ने सोमवार रात आगरा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि एक बस ने उसे ओवरटेक किया, जिससे उसका वाहन अनियंत्रित हो गया और सड़क किनारे खड़ी दो कारों से टकरा गया। इन कारों में डॉ. विशाखा त्रिपाठी और उनके परिवार के अन्य सदस्य सवार थे।
हादसे में सात लोग घायल हुए थे।ड्राइवर ने बताया कि घटना के बाद वह भी घायल हो गया था, लेकिन डर के कारण उसने मौके से भागने की योजना बनाई। वह चुपके से वहां मौजूद भीड़ में शामिल हो गया और कुछ दूर पैदल चलने के बाद एक ट्रक में लिफ्ट लेकर आगरा पहुंच गया। आगरा में उसने टीवी पर हादसे की खबर देखी और समझा कि मृतक डॉ. विशाखा त्रिपाठी कौन थीं। घबराहट में उसने अपना फोन बंद कर लिया और छिपने की कोशिश की।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के जरिए उसे ट्रैक कर गिरफ्तार किया।पुलिस ने शुरुआती जांच में किसी साजिश से इनकार किया है। अडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि यह हादसा कैंटर की गति धीमी और कारों की रफ्तार तेज होने के कारण हुआ। जेवर टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि कैंटर पीड़ितों की कारों से आधे घंटे पहले टोल से निकला था।
पुलिस के अनुसार, घटना के वक्त वाहन में ड्राइवर अकेला था, जबकि नियमों के मुताबिक उसमें हेल्पर भी होना चाहिए था।कैंटर के मालिक की लापरवाही भी सामने आई है। हादसे के बाद से मालिक ने अपना फोन बंद कर रखा है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। फिलहाल, पुलिस ने साजिश के कोई सबूत नहीं पाए हैं, लेकिन हर पहलू की गहनता से जांच जारी है।