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रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में सीबीआई ने कई अधिकारीयों को किया गिरफ्तार, 1.5 करोड़ रुपये से अधिक जब्त

नई दिल्ली, 5 मार्च 2025

मंगलवार को होने वाली परीक्षा से ठीक पहले मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत विभागीय परीक्षा पेपर लीक घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने नौ रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया है और कई अज्ञात उम्मीदवारों के साथ उन पर आरोप लगाए हैं। एक अधिकारी के अनुसार, मामले में अब तक कुल 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही जांचकर्ताओं ने प्रश्नपत्र लीक करने के लिए उम्मीदवारों से कथित तौर पर एकत्र किए गए 1.17 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं।

रेलवे परीक्षा में तय समय से पहले घोटाला

पूर्व मध्य रेलवे ने मंगलवार को मुख्य लोको इंस्पेक्टर के पदों के लिए विभागीय परीक्षा निर्धारित की थी। 3 मार्च को आधी रात के बाद मुगलसराय में तीन स्थानों पर सीबीआई द्वारा की गई जांच के दौरान कुल 17 उम्मीदवारों के पास हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी पाई गई। आरोपी अधिकारियों में वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (ऑप्स) सुशांत पराशर और वरिष्ठ डीईई इंदु प्रकाश शामिल हैं।

लीक योजना और गिरफ्तारियां

जांच से पता चला कि सीनियर डीईई (ऑपरेशन) को परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने का काम सौंपा गया था। उसने अपनी खुद की लिखावट में अंग्रेजी में प्रश्न लिखे, जिन्हें कथित तौर पर लोको पायलट को दिया गया। लोको पायलट ने प्रश्नों का हिंदी में अनुवाद किया और उन्हें एक ओएस (ट्रेनिंग) को दे दिया, जिसने कथित तौर पर लीक हुए प्रश्नपत्रों को अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से उम्मीदवारों को वितरित किया।

सीबीआई ने सीनियर डीईई (ऑपरेशन) और कई अन्य रेलवे कर्मचारियों को पैसे इकट्ठा करने और प्रश्नपत्र बांटने के आरोप में गिरफ्तार किया। सत्रह विभागीय उम्मीदवारों, जिनमें से ज़्यादातर लोको पायलट थे, को लीक हुए प्रश्नपत्रों के साथ पकड़ा गया और कथित तौर पर प्रश्नों के लिए पैसे देने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

चल रही जांच और अतिरिक्त गिरफ्तारियां

इस घोटाले के सिलसिले में अब तक 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। सीबीआई की एफ़आईआर में एनके वर्मा, आरएनएस यादव, अजीत सिंह, अनीश कुमार, नित्यानंद यादव, कृष्णा यादव और सूर्यनाथ के नाम शामिल हैं।

एफआईआर में बताया गया है कि आरोपियों में से एक कृष्ण यादव ने आगामी परीक्षा में चयन सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों से रिश्वत ली थी। 1 मार्च को, उसने कथित तौर पर एक उम्मीदवार से वादा किया था कि 3 मार्च की रात को उसे एक अज्ञात स्थान पर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया जाएगा, जहाँ उसे परीक्षा तक रखा जाएगा।

जब्त सामग्री और रिसाव की पुष्टि

सीबीआई ने हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ उनकी फोटोकॉपी भी जब्त कर ली। मूल प्रश्नपत्र से मिलान करने पर जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि फोटोकॉपी बिल्कुल प्रामाणिक परीक्षा के प्रश्नपत्र से मेल खाती है। जांच जारी है, तथा जैसे-जैसे सीबीआई घोटाले के विवरण उजागर करती जाएगी, और अधिक गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

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