नई दिल्ली, 14 नबंवर 2024
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कक्षा 10 वीं और 12वीं के सिलेबस में 15% तक की कटौती की घोषणा की है। CBSE ने यह कदम छात्रों को गहन अध्ययन करने का अवसर देने और रटने की आदत को कम करे के उद्देश्य से उठाया है। यह फैसला इंदौर में आयोजित प्रिंसिपल समिट के दौरान लिया गया। बोर्ड का कहना है कि इस बदलाव के जरिए छात्रों को किताबों की सीमाओं से बाहर निकलकर विषयों के विभिन्न पहलुओं पर सोचने और समझने का अवसर मिलेगा।
इसके साथ ही बोर्ड ने एग्जाम पैटर्न में भी बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक आतंरिक मूल्यांकन के लिए 40% अंक निर्धारित किए जाएंगे, जबकि शेष 60% अंक फाइनल परीक्षा यानी लिखित एग्जाम के होंगे। आंतरिक मूल्यांकन में प्रोजेक्ट्स, असाइनमेंट्स, और आवधिक परीक्षण शामिल होंगे। इससे छात्रों को निरंतर मूल्यांकन के जरिए अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का बेहतर मौका मिलेगा। CBSE के भोपाल क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह बदलाव छात्रों को उनकी वास्तविक समज और कौशल को अधिक प्रभावी रूप से प्रदर्शित करने का अवसर देगा।
सीबीएसई अब अपनी परीक्षा प्रणाली में कौशल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्नपत्र का लगभग 50% हिस्सा सैद्धांतिक ज्ञान के बजाय वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों, समस्याओं और व्यावहारिक स्थितियों पर आधारित होगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य छात्रों में आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान क्षमता को बढ़ावा देना है।
बोर्ड ने यह भी बताया कि 2025 में एक ही बार बोर्ड एग्जाम होंगे। 2026 से फिर से दो बार बोर्ड एग्जाम करवाए जाएंगे। यह कदम पढ़ाई को आसान बनाने और बच्चों को अपनी योग्यता दिखाने के लिए ज्यादा मौके देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।