
गोरखपुर, 24 अप्रैल 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर को कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। गोरखपुर नगर निगम द्वारा सहजनवा क्षेत्र के सुथनी में 40 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी विकसित की जा रही है, जो उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है।
एनटीपीसी लगाएगा देश का दूसरा हरित कोयला प्लांट
इस परियोजना के पहले चरण में, नगर निगम और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) के बीच करार के तहत ठोस घरेलू कचरे से टॉरेफाइड चारकोल (हरित कोयला) बनाने की यूनिट लगाई जा रही है। यह देश का दूसरा ऐसा प्लांट है। पहला प्लांट वाराणसी में स्थापित किया गया था। एनटीपीसी ने इस प्लांट पर 255 करोड़ रुपये का निवेश किया है। मशीनों का ट्रायल चल रहा है। इस यूनिट को 15 एकड़ भूमि नगर निगम ने उपलब्ध कराई है।
500 टन प्रतिदिन क्षमता का होगा प्लांट
नगर आयुक्त गौरव सिंह ने बताया कि यह यूनिट प्रतिदिन 500 टन कचरे से चारकोल बनाएगी। कचरे की आपूर्ति गोरखपुर नगर निगम करेगा, जो रोज़ करीब 500 टन कचरा उत्पन्न करता है। इसमें से 200 टन गीला कचरा प्रस्तावित बायो सीएनजी प्लांट को भेजा जाएगा, जबकि शेष सूखा कचरा चारकोल प्लांट में उपयोग होगा।
आसपास की नगर पालिकाएं भी होंगी शामिल
गोरखपुर के अलावा खलीलाबाद, सहजनवा, मगहर, बांसगांव, घघसरा और उनवल की नगर पंचायतों से भी कचरा इकट्ठा कर प्लांट को आपूर्ति की जाएगी। इस परियोजना से नगर निगम को अगले 25 वर्षों में 650 करोड़ रुपये की बचत टिपिंग फीस में होगी।
बायो सीएनजी व खतरनाक कचरा निस्तारण प्लांट भी होंगे
इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में 10 एकड़ में बायो सीएनजी प्लांट और 5 टन प्रतिदिन की क्षमता वाला घरेलू खतरनाक कचरा निस्तारण प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है। बायो सीएनजी प्लांट तरल कचरे की प्रोसेसिंग करेगा।
जर्मनी में पेश किया गया गोरखपुर मॉडल
गोरखपुर नगर निगम की इस परियोजना का प्रेजेंटेशन इस माह जर्मनी के बर्लिन में सर्कुलर इकोनॉमी पर आयोजित एक वैश्विक बैठक में किया गया, जिसमें नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। वहां इस मॉडल को वैश्विक सराहना मिली।