मयंक चावला
आगरा, 8 मार्च 2025:
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति के बाद ज्ञानेश कुमार शनिवार को पहली बार अपने गृह जनपद आगरा पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी अनुराधा भी थीं। आगरा के नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
…तो मैं विदेश में नौकरी कर रहा होता
अपने संबोधन में ज्ञानेश कुमार ने कहा, “यदि देश से प्रेम ना होता, तो मैं विदेश में नौकरी कर रहा होता और आज इस पद पर नहीं होता।” उन्होंने भारत के निर्वाचन आयोग को दुनिया की सबसे बड़ी संस्था बताया और कहा कि देश में 100 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनके अधिकारों की रक्षा और सुविधाओं में सुधार उनकी प्राथमिकता है।
“दुनिया के लिए आश्चर्य है भारत की चुनाव व्यवस्था”
उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष रूप से कार्य करते हैं और चुनाव संपन्न होने के बाद अपने विभागों में लौट जाते हैं। यह दुनिया के लिए एक मिसाल है। उन्होंने लोकतंत्र के चार स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया का जिक्र करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग इन सभी स्तंभों की नींव है।
आगरा के लोग प्रतिभाशाली… उद्योगों को समर्थन की जरूरत
आगरा और यहां की प्रतिभाओं की सराहना करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, “आगरा के लोग बेहद सामर्थ्यवान हैं, लेकिन यहां के उद्योगों को कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने आगरा के लघु उद्योगों और इंडस्ट्रीज के योगदान की सराहना की और कहा कि अब आईटी सेक्टर से नई उम्मीदें जुड़ी हैं।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगरा के विकास के लिए जो भी संभव होगा, वह प्रयास करेंगे। उन्होंने अपनी बात “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती” कहावत के साथ समाप्त की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार का यह दौरा दो दिवसीय है, जिसमें वे कई अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे।