
शिमला | 16 जून 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने चीन पर तिब्बत और हिमालयी क्षेत्रों में बौद्धों की पहचान और संस्कृति को कमजोर करने की गहरी साजिश रचने का आरोप लगाया है। अपने चार दिवसीय लाहौल-स्पीति और किन्नौर दौरे के बाद शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि चीन तिब्बती बौद्धों की पहचान मिटाने के प्रयास में जुटा है।
इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि तिब्बत पर कब्जा करने के बाद चीन अब वहां की लड़कियों की शादी चीनी युवकों से करवा रहा है, ताकि स्थानीय संस्कृति का अस्तित्व खत्म किया जा सके। उन्होंने इस प्रयास को सांस्कृतिक हमले की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और समाज को तिब्बतियों और सनातन हिंदुओं को इस खतरे से सावधान करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि चीन द्वारा दलाई लामा के उत्तराधिकारी की घोषणा की बात बेहद आपत्तिजनक है और इसका तीव्र विरोध किया जाना चाहिए। इंद्रेश कुमार के अनुसार, तिब्बती और बौद्ध समुदायों को अपने धार्मिक और आध्यात्मिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करना चाहिए।
बौद्धों और सनातनी हिंदुओं से एकजुट होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां भी सेवा और शिक्षा के माध्यम से लगातार धर्मांतरण करवा रही हैं। उन्होंने इसे पहचान बदलने की साजिश बताया और कहा कि इससे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने पर असर पड़ता है।
इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है और राज्य सरकार को चाहिए कि वह इन योजनाओं को तेजी से लागू करे। उन्होंने स्थानीय लोगों से मिलकर धार्मिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा भी की।