पटना, 1 जून 2025
बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले रोज नए-नए राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने संकेत दिया है कि केंद्रीय मंत्री और उनकी पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान बिहार की राजनीति में फिर से प्रवेश करने की तैयारी कर रहे हैं और चिराग के विधानसभा चुनाव लड़ने की भी संभावना है।जमुई निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भारती, पासवान के बहनोई हैं और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में रणनीतिक बदलाव के बारे में संकेत दिया।
अरुण भारती ने इस बात पर जोर दिया कि चिराग पासवान का राजनीतिक फोकस हमेशा बिहार रहा है, उन्होंने पार्टी प्रमुख के लंबे समय से चले आ रहे नारे “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” का हवाला दिया।भारती के अनुसार, विकसित और आत्मनिर्भर बिहार के सपने को साकार करने के लिए राज्य में चिराग का सक्रिय नेतृत्व आवश्यक है।भारती ने लिखा, ‘‘यह तभी संभव है जब वह स्वयं बिहार में रहें और नेतृत्व करें।’’पार्टी प्रभारी के तौर पर राज्य का दौरा कर रहे अरुण भारती ने दावा किया कि गांवों और जिलों के दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं और नागरिकों के बीच एक आम भावना उभरी है – चिराग पासवान से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की मांग।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में लोजपा (रामविलास) कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें चिराग से चुनावी मैदान में उतरने और आगे बढ़कर नेतृत्व करने का आग्रह किया गया था।एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश में, अरुण भारती ने संकेत दिया कि चिराग पासवान को आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र के बजाय सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जो उनकी राजनीतिक स्थिति में बदलाव को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा, “इस बार चिराग को आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए – ताकि यह संदेश जाए कि वह सिर्फ एक वर्ग का नहीं, बल्कि पूरे राज्य का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।”
सोशल मीडिया पोस्ट में चिराग पासवान को न केवल एक पार्टी नेता के रूप में बल्कि “पूरे बिहार की आशा” के रूप में पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य न केवल प्रतिनिधित्व के माध्यम से बल्कि व्यापक सामाजिक स्वीकृति के लिए लड़ाई के माध्यम से सामाजिक न्याय की राजनीति को फिर से परिभाषित करना है। भारती ने लिखा, “जब नेता पूरे बिहार का हो तो सीट का दायरा सीमित क्यों होना चाहिए?” अगर चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं, खासकर सामान्य सीट से, तो यह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव होगा।