नई दिल्ली, 12 सितंबर, 2024
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती गांवों को देश का प्रथम गांव बताते हुए कहा कि सरकार इन गांवों के समग्र विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह बात उन्होंने *सीमा क्षेत्र विकास सम्मेलन *में अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण कई चुनौतियां हैं, लेकिन सीमा क्षेत्रों का चौतरफा विकास इन चुनौतियों का सबसे प्रभावी समाधान है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में सड़कों, पुलों और सुरंगों का निर्माण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। पिछले दस वर्षों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 8,500 किलोमीटर से अधिक सड़कें और 400 से अधिक पुल बनाए हैं। दुर्गम क्षेत्रों में अटल सुरंग, सेला सुरंग, और शिंकुन-ला सुरंग जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जो सीमा क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
उन्होंने लद्दाख और पूर्वोत्तर राज्यों में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज लद्दाख को राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जोड़ा गया है, और 1,500 से अधिक गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पिछले चार वर्षों में, 7,000 से अधिक सीमावर्ती गांवों को इंटरनेट से जोड़ा गया है, जिससे वहां की कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
रक्षा मंत्री ने पर्यटन को सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। 2020 से 2023 के बीच लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में 30% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है।
रिवर्स माइग्रेशन की सफलता पर बात करते हुए रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के हुरी गांव का विशेष उल्लेख किया, जो नागरिक-सैन्य सहयोग का एक अनूठा उदाहरण है। बीआरओ और भारतीय सेना ने इस गांव के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रक्षा मंत्री ने सीमावर्ती गांवों को ‘मॉडल विलेज’ में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया, ताकि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे से सुसज्जित किया जा सके।
रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि सेना सीमावर्ती क्षेत्रों को सड़कों और पुलों के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के साथ-साथ, वहां की युवा पीढ़ी को भी बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘सुरक्षित सीमाएं, सशक्त और समृद्ध भारत’ के नारे के साथ सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए निरंतर कार्यरत है।