मेरठ, 11 मार्च 2025:
यूपी के मेरठ के शहर काजी प्रो. जैनुस्साजीद्दीन सिद्दीकी का सोमवार को इंतकाल हो गया। उनके इंतकाल से शहर में शोक की लहर दौड़ गई। प्रो. सिद्दीकी ने अपने जीवन में धार्मिक सौहार्द और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया था।
होली के मद्देनजर की थी विशेष अपील
उन्होंने गत रविवार को होली के पर्व को देखते हुए शहर की मिली-जुली आबादी वाली मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय दोपहर 2:30 बजे करने की अपील की थी, ताकि शांति और सौहार्द बना रहे। उसी शाम अचानक उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और सोमवार सुबह उनका इंतकाल हो गया।
रात में किए गए सुपुर्द-ए-खाक
सोमवार देर रात शाही जामा मस्जिद में नमाज-ए-जनाजा अदा की गई और रात 10 बजे उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। जनाजे में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी गई।
बेटे प्रो. सलेकिन सिद्दीकी बने नए शहर काजी
शहर काजी के निधन के बाद उनके बेटे प्रो. सलेकिन सिद्दीकी को मेरठ का नया शहर काजी नियुक्त किया गया। इसकी औपचारिक घोषणा सोमवार शाम छप्पर वाली मस्जिद में की गई। इस निर्णय का समाज के प्रबुद्ध वर्ग और धार्मिक नेताओं ने स्वागत किया।
शिक्षा के क्षेत्र में भी किया था बड़ा योगदान
प्रो. जैनुस्साजीद्दीन सिद्दीकी न केवल एक धार्मिक विद्वान थे, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान अतुलनीय था। वे उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे और उन्हें राज्य मंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त था। उन्होंने दारुल उलूम देवबंद से फाजिल की डिग्री प्राप्त करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी पूरी की थी। उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनके निधन पर समाज के विभिन्न वर्गों में शोक की लहर है, और उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।