
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 3 अप्रैल 2025:
यूपी के गोरखपुर जिले के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में बीटेक में छात्रों के एडमिशन का फर्जीवाड़ा करने का मास्टरमाइंड वहां तैनात बाबू ही निकला। पुलिस की धरपकड़ के बाद लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव ने 40
छात्रों के फर्जी प्रवेश की बात कबूली है। उसे जेल भेज दिया गया है।
एमएमएमयूटी में हुए 40 छात्रों के साथ हुआ फ्रॉड पुलिस ने लिपिक को जेल भेजा
लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव बेलीपार थाना क्षेत्र के महावीर छपरा का मूल निवासी है। रवि मोहन के खिलाफ बीटेक में फर्जी एडमिशन के शिकार हुए छात्र राहुल गुप्ता के पिता श्रीप्रकाश गुप्ता की तहरीर पर 2.70 लाख हड़पने का केस कैंट थाने में दर्ज किया गया था। इस मामले में विश्वविद्यालय ने भी कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 20 जुलाई 2023 को रिपोर्ट दे दी थी। कमेटी ने अपनी जांच में तीन शिक्षकों और पांच कर्मचारियों को लापरवाही बरतने का आरोप पाया गया था। लिपिक रवि मोहन भी इसमे शामिल था।

खुद फाइनल करता था लिस्ट, फर्जी तरीके से बढाता था नाम
गिरफ्तारी के बाद रविमोहन ने पूछताछ में बताया कि काउंसलिंग के बाद लिस्ट में नीचे नाम बढ़ा दिया करता था। अन्य पदों पर बैठे जिम्मेदार लोग भी लिस्ट को आगे बढाते रहे और ये खेल चलता रहा।
पुलिस के ही मुताबिक, वर्ष 2009 में रवि मोहन की नियुक्ति चपरासी के पद पर हुई थी बाद में उसने विभागीय परीक्षा के माध्यम से 2015 में पदोन्नति पा ली और वरिष्ठ लिपिक बन गया। उसकी तैनाती वहीं पर थी, जहां पर सूची फाइनल होती थी।
पटल परिवर्तन के बाद रसूख के दम पर हासिल कर ली थी पुरानी तैनाती
घपला सामने आने व केस दर्ज होने के बाद उसका पटल परिवर्तन कर दिया गया था, लेकिन रसूख के दम पर उसने पुरानी तैनाती फिर हासिल कर ली।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी के अनुसार साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारी की गई है। पूछताछ के बाद कई और लोग रडार पर आ गए हैं, जिसके खिलाफ पुलिस साक्ष्य जुटा रही है।






