
देहरादून/खटीमा, 1 सितंबर 2025:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को खटीमा में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए वीर सपूतों को नमन किया। उन्होंने शहीद भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानन्द भट्ट और परमजीत सिंह की स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिजनों व आंदोलनकारियों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा गोलीकांड ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन को नई दिशा दी। यह बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाना ही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इनमें सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, शहीद परिवारों को 3 हजार रुपये मासिक पेंशन, घायल व जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 रुपये तथा सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन शामिल है। इसके अलावा परित्यक्ता, विधवा और तलाकशुदा पुत्रियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। अब तक 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में नियुक्ति दी जा चुकी है। उन्हें निशुल्क बस यात्रा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं की भूमिका का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य निर्माण में मातृशक्ति का योगदान अमूल्य रहा है। इसी को देखते हुए महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है। नकल विरोधी कड़ा कानून लागू करने से 24 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। साथ ही धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को भी सख्ती से लागू किया गया है। सरकार ने 7 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता को “हिमालय बचाओ अभियान” की शपथ दिलाई और कहा कि हिमालय के पर्यावरण की रक्षा करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट, विधायक भुवन कापड़ी, जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, नगर पालिका अध्यक्ष चंद जोशी, दर्जा राज्य मंत्री डॉ. अनिल कपूर डब्बू, सुभाष बर्थवाल सहित कई जनप्रतिनिधि, राज्य आंदोलनकारी आदि मौजूद थे।





