
कीव, 2 जून 2025 –
यूक्रेन ने रूस के चार एयरबेस और एक परमाणु नौसैनिक अड्डे पर जबरदस्त हमला कर नया सैन्य मोर्चा खोल दिया है। 31 मई की रात से शुरू हुए इस ऑपरेशन में यूक्रेनी सेना ने ड्रोन, वायुसेना, आर्टिलरी और खुफिया एजेंटों की चार-स्तरीय रणनीति के तहत रूस के 13 प्रांतों में भारी नुकसान पहुंचाया। इसे अब तक का सबसे बड़ा यूक्रेनी जवाबी हमला माना जा रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रियांस्क और कुर्स्क में पुलों को उड़ाया गया, जिनमें से एक पर गिरते स्लैब से यात्री ट्रेन भी चपेट में आ गई। ब्रियांस्क की घटना में 7 यात्रियों की मौत और 50 से अधिक घायल हुए हैं। रूस ने इसका दोष यूक्रेनी खुफिया एजेंसी GUR पर मढ़ा है, जबकि यूक्रेन ने इन आरोपों को खारिज किया है।
फ्रंटलाइन पर यूक्रेनी वायुसेना ने Su-27 फाइटर जेट से GBU-62 बमों का इस्तेमाल किया और Mi-24 हेलिकॉप्टर से हाइड्रा रॉकेट दागे। इसके साथ ही रूस के Tor-M2 डिफेंस सिस्टम, D-30 होवित्जर गन, बख्तरबंद वाहन और पंतशिर मिसाइल सिस्टम भी तबाह कर दिए गए।
यूक्रेन की यह सैन्य क्षमता नाटो द्वारा प्रदान की गई नई टेक्नोलॉजी ‘नाटो वाई-फाई’ की वजह से और मजबूत हुई है। यह एक विशेष हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर सिस्टम है जो फील्ड में सैनिकों, कमांड सेंटर्स और विमानों के बीच रीयल-टाइम डाटा शेयर करता है। CSI सिस्टम के जरिए टारगेटिंग सटीकता काफी बढ़ गई है, जिससे हमलों में प्रभावशीलता आई है।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका की सीमित भागीदारी के बाद यूरोपीय देश अब यूक्रेन को स्वतंत्र रूप से सैन्य सहायता दे रहे हैं। फ्रांस और ब्रिटेन ने ‘प्लान B’ के तहत यूक्रेन को इंटेलिजेंस और तकनीकी सहयोग देना तेज कर दिया है। इससे यह साफ हो गया है कि युद्ध अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है।






