
नई दिल्ली | 30 मई 2025
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने सीआरपीएफ के एएसआई मोतीराम जाट को देशद्रोह और जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। दिल्ली से गिरफ्तार किए गए मोतीराम पर आरोप है कि वह दो साल से पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों को गोपनीय जानकारी दे रहा था और इसके बदले उसे हर जानकारी पर 3500 रुपये मिलते थे। खास जानकारी देने पर उसे 12,000 रुपये तक की रकम दी जाती थी।
NIA की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान के जिन एजेंटों को मोतीराम जानकारी देता था, वे खुद को एक पाकिस्तानी समाचार चैनल के पत्रकार बताते थे। ये एजेंट हर महीने की 4 तारीख को तय राशि मोतीराम और उसकी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानकारी समय पर और सटीक हो, तभी पैसे भेजे जाते थे।
मोतीराम सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन में एएसआई के पद पर कार्यरत था और पहले पहलगाम में तैनात था। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था और मोतीराम का तबादला उस हमले से ठीक पांच दिन पहले कर दिया गया था। इस संयोग के चलते एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या इस हमले में मोतीराम की कोई भूमिका थी।
सूत्रों के अनुसार, ISI लंबे समय से मोतीराम को निशाने पर लिए हुए थी और उसे पैसों का लालच देकर धीरे-धीरे जाल में फंसाया गया। NIA ने 26 मई को उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 6 जून तक की रिमांड पर भेजा गया। पूछताछ के दौरान उसने कई अहम खुलासे किए हैं। जांच एजेंसी अब उसके मोबाइल फोन और उसके संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच कर रही है। आशंका है कि इस जासूसी कांड में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।