गाजियाबाद: जिले में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जांच में पुलिस को 42 ऐसे मोबाइल ऐप मिले हैं, जो फर्जी हैं और ठगी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। गृह मंत्रालय को इन ऐप्स की रिपोर्ट भेजी गई है। इससे पहले भी कई फर्जी ऐप्स की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स की पहचान करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर ‘रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट’ ऑप्शन शुरू किया गया है। इस पर कोई भी व्यक्ति किसी ऐप या वेबसाइट का नाम डालकर उसकी असलियत की जांच कर सकता है। अगर कोई ठगी का शिकार हो चुका है, तो वह उस ऐप या लिंक को रिपोर्ट भी कर सकता है। रिपोर्ट होने के बाद पुलिस या मंत्रालय उस ऐप को संदिग्ध श्रेणी में डाल देता है, जिससे अन्य लोग ठगी से बच सकें।
साइबर ठगों से सतर्कता जरूरी
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि साइबर ठग लोगों को झांसे में लेने के लिए इंटरनेशनल नंबर से कॉल करते हैं या संदिग्ध लिंक और ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं। ऐसे में किसी भी लिंक को खोलने से पहले NCRP पोर्टल पर उसकी जांच करना जरूरी है।
इसके अलावा, गृह मंत्रालय द्वारा संचालित ‘संचार साथी’ पोर्टल भी शुरू किया गया है, जहां कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर जारी मोबाइल नंबरों की जांच कर सकता है। यहां अपना मोबाइल नंबर डालकर पता लगाया जा सकता है कि कहीं किसी ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड का इस्तेमाल कर नया नंबर तो नहीं लिया। यदि ऐसा पाया जाता है, तो उसी पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कर नंबर को बंद कराया जा सकता है।
संदिग्ध नंबरों से रहें सतर्क
संचार साथी पोर्टल पर लोग संदिग्ध कॉल, मैसेज या व्हाट्सऐप कॉल की भी रिपोर्ट कर सकते हैं। ‘रिपोर्ट सस्पेक्टेड फ्रॉड कम्युनिकेशन’ नाम के ऑप्शन में जाकर इसे रिपोर्ट किया जा सकता है। मंत्रालय को विभिन्न राज्यों से अब तक 2,52,875 से अधिक इनपुट मिल चुके हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है।
बंद किए गए प्रमुख फर्जी ऐप्स
जांच के दौरान पुलिस ने कई फर्जी ऐप्स की पहचान की है, जिन्हें बंद कर दिया गया है। इनमें शामिल हैं:
- ALFD
- ANGELBG APP
- AVIVAFTSE
- Block tigers
- Block up pro
- CGL-BMG
- OKX
- CHC-SES
- DHANIN-IA
- FHT
- GFSL
- SMC-INS MAX
- SMCLE APP
- SPX
- TECHSTARS
- TXICIC
- UICICR
पुलिस और गृह मंत्रालय लगातार साइबर ठगी से निपटने के प्रयास कर रहे हैं। आम जनता से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या ऐप को बिना जांचे-परखे इस्तेमाल न करें और किसी भी साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करें।