प्रतापगढ़,28 मार्च 2025
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र में दुर्गागंज बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में काम करने वाली दलित युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। मृतका पिछले चार साल से अस्पताल में कार्यरत थी।
अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को फोन कर बुलाया, लेकिन जब मां हीरावती वहां पहुंचीं, तो कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। कुछ देर बाद तीन लोग एंबुलेंस से कोमल का शव गांव ले आए और जल्दबाजी में छोड़कर भागने लगे, जिसे ग्रामीणों ने पकड़ लिया और हंगामा शुरू हो गया। शव पर चोटों के निशान थे और कपड़े फटे मिले, जिससे परिजनों का शक गहरा गया।
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर अमित पांडेय, कर्मचारी सुनील कुमार, विद्यासागर, शहबाज और दाई गनोर्मा देवी पर साजिश रचकर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाया है। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। जब पुलिस शव को कब्जे में लेने पहुंची, तो ग्रामीणों के विरोध के चलते पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी और महिलाएं घायल हो गईं।
पथराव में रानीगंज सीओ विनय प्रभाकर साहनी के सिर पर चोट लग गई। हालात बिगड़ते देख गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। गुरुवार रात लगभग 11 बजे कोमल की मौत हुई, लेकिन वारदात के 12 घंटे बाद भी पुलिस शव को कब्जे में नहीं ले पाई। परिजन और ग्रामीण आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और न्याय की मांग कर रहे हैं।