
संतोष देव गिरी
मिर्ज़ापुर, 26 दिसम्बर 2024:
उत्तर प्रदेश में ओबीसी जातिगत जनगणना का मुद्दा फिर से जोर पकड़ रहा है। इस मांग को लेकर ओबीसी महासभा ने मिर्जापुर मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए महामहिम राष्ट्रपति और यूपी के राज्यपाल को संबोधित 19 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
जातिगत जनगणना की मांग और क्रीमी लेयर का विरोध
महासभा के मोहन यादव ने कहा कि ओबीसी जातिगत जनगणना कराने और ओबीसी आरक्षण की क्रीमी लेयर शर्तों में बदलाव कर बड़ी संख्या में ओबीसी वर्ग को आरक्षण से बाहर करने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अन्य प्रमुख मांगें
महासभा ने संविधान के अनुच्छेद 340 और मंडल आयोग की सिफारिशों के पूर्ण कार्यान्वयन के साथ लोकसभा में ओबीसी के लिए 353 सीटें और विधानसभाओं में सीटें आरक्षित करने की मांग की। क्रीमी लेयर शर्तों को असंवैधानिक बताते हुए उसे हटाने और बीपी शर्मा रिपोर्ट पर रोक लगाने की मांग की गई।
महासभा ने किसानों के लिए उपज मूल्य तीन गुना बढ़ाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यायिक सेवा आयोग के गठन और शासकीय विभागों में निजीकरण रोकने की मांग उठाई।
महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रावधान
महासभा ने महिला आरक्षण बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान की मांग की और बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार गारंटी बिल लाने, अग्नीवीर नियुक्तियों को समाप्त कर पूर्व की भांति करने, बेरोजगारी भत्ता, न्यूनतम आवेदन शुल्क, और रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की।
आंदोलन की चेतावनी
ओबीसी महासभा ने संविधान पर हो रहे प्रहारों का विरोध करते हुए कहा कि यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो महासभा देशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।






